सत्य खबर,चंडीगढ़ । Haryana’s son and daughter become judges
लिखे जाते हैं मेहनत की स्याही से जिनके इरादे, नहीं होते हैं कभी खाली पन्ने उनकी किस्मत में। यह कहावत हरियाणा के जिला फतेहाबाद के जाखल में एक परिवार के बेटे ने सच साबित करके दिखाई है। छोटे से परिवार से जन्मे भूपेश कुमार का चयन झारखंड में सेशन जज के रूप में हुआ है।
भूपेश कुमार के जज बनने की सूचना मिलने पर जाखल शहर के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र में खुशी की लहर है और उनके घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि लॉकडाउन में जब पूरा देश एक तरह से बंद था तब भूपेश यू-ट्यूब जैसे माध्यम से अपनी पढ़ाई व तैयारी पूरी करने में जुटे थे। उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता सुदर्शन खुराना व धर्मपत्नी अंजू को दिया।
भूपेश कुमार का जन्म 7 मार्च 1981 को जाखल की नई बस्ती में एक आम परिवार में हुआ। उन्होंने अपनी दसवीं तक की शिक्षा सरकारी स्कूल में और फिर परिवार की जरूरतें देखते हुए 2500 रुपए में नौकरी शुरू कर दी। साथ-साथ पढ़ाई चलती रही और 12वीं पास की। 2004 में बीए पास करने के बाद 2005 में उन्होंने राजस्थान के एक कॉलेज से लॉ की पढ़ाई शुरू कर दी। 2008 में लॉ की डिग्री लेने के बाद अब वे 15 वर्षों तक संगरूर में बतौर वकील अपनी सेवाएं दे रहे थे।
अपनी वकालत के साथ-साथ वे जज बनने के लिए भी तैयारी कर रहे थे। कई दफा उन्होंने जज के लिए परीक्षा दी, लेकिन सफलता से चूक जाते। 2022 में एक बार फिर उन्होंने रांची में परीक्षा दी। कुल 2300 वकीलों में से 66 का इंटरव्यू हुआ और 13 का चयन हुआ। इनमें हरियाणा से 3 वकील शामिल थे। उनमें ही जाखल के भूपेश कुमार का नाम शामिल था, जिन्होंने ऑल इंडिया में छठा रैंक हासिल किया।
भूपेश कुमार ने बताया कि लॉकडाउन में जब पूरा देश थम सा गया और लोग घरों में कैद थे, तब उन्होंने यू-ट्यूब से शिक्षा जारी रखी। हालांकि वे पहले भी जज बनने के लिए परीक्षा दे चुके थे, इसलिए उन्हें विषय आदि सब क्लीयर थे।
जिला करनाल की बेटी प्रियंका ने दिल्ली न्यायिक सेवा की परीक्षा पास की है। प्रियंका मधुबन क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर दीवान सिंह की बेटी है। जो मां की प्रेरणा और पिता के आशीर्वाद से आगे बढ़ी और सफलता की बुलंदियों को छुआ। सफलता के बाद प्रियंका ने कहा कि कम उम्र में शादी होने से मां ज्यादा नहीं पढ़ सकी। उनका सपना पूरा करने के लिए मैंने ये मेहनत की।
करनाल के आरके पुरम की रहने वाली प्रियंका ने दिल्ली न्यायिक सेवा का एग्जाम क्लियर कर लिया है। अब वो जज बन जाएगी। प्रियंका का इस परीक्षा में 59वां रैंक आया है। नीलोखेड़ी के विधायक धर्म पाल गोंदर भी परिवार को बधाई देने के लिए पहुंचे।
प्रियंका ने कहा कि उसकी मां की शादी बड़ी कम उम्र में हो गई थी, वो इसलिए ज्यादा पढ़ नहीं पाई, वो अपने सपने मुझ में देखती थी और हमेशा मुझे प्रेरणा देते थी कि बेटा कुछ करो, आगे बढ़ो, मैं रोजाना तैयारी कर रही थी। ये मेरा दूसरा प्रयास था और इस प्रयास में मैंने दिल्ली न्यायिक सेवा का एग्जाम क्लियर कर लिया है।
हमेशा सुबह से शाम तक एक ही रूटीन फॉलो करना पड़ता है, पढ़ना पड़ता है, मेहनत के साथ, लगन के साथ अपडेट रहना पड़ता है और अब खुशी है कि मेहनत रंग लाई है। प्रियंका ने कहा कि वह अपनी जिम्मेदारी को बखूबी ढंग से निभाएंगी और न्याय और सच्चाई का साथ देते हुए फैसले देंगी।
इंस्पेक्टर हैं प्रियंका के पिता
प्रियंका के पिता हरियाणा पुलिस की क्राइम ब्रांच में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं, उन्हें बहुत खुशी है कि उनकी बेटी उनका नाम रोशन कर रही है। उन्होंने कहा कि बेटियां ही सब कुछ हैं। मैंने हमेशा बेटियों को पढ़ाया और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
नीलोखेड़ी के विधायक धर्मपाल गोंदर भी बधाई देने के लिए पहुंचे। जब से नतीजा आया है, घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है, लगातार फोन आ रहे हैं। वहीं प्रियंका की बहन नेहा भी काफी खुश है, वो बताती हैं कि वो अपनी बड़ी दीदी से बहुत कुछ सीखते हैं और अब CA का फाइनल एग्जाम उन्हें देना है और घर में काफी खुशी का माहौल है।
also read:
हरियाणा में बढ़ रही कोरोना के केसो की संख्या,जानिए किस जिले में कितने मिले
पति-पत्नी के झगड़े में पुलिस को पड़ा थप्पड़, जानिए क्यों
साथ ही साथ मां इसरो देवी जिसने इन बच्चों को पाल पोसकर बड़ा किया, वो आज सबसे ज्यादा खुश हैं, वो इस बात का जिक्र करती हैं कि वो तो जिंदगी में ज्यादा पढ़ नहीं पाई, इसलिए उन्होंने अपनी बच्चियों को भरपूर पढ़ाया और अब बेटी ने सबको खुश कर दिया है और सीना गर्व से चौड़ा हो गया।
प्रियंका बाकी लड़कियों और मां बाप के लिए एक मिसाल हैं। मां बाप को समझना चाहिए कि बेटियां भी जिंदगी में बहुत कुछ कर सकती हैं और लड़कियों को भी कुछ सीखकर, समझकर अपने मां बाप का नाम रोशन करना चाहिए। जो लोग बेटियों को बेटों से कम आंकते हैं उनके लिए प्रियंका एक बड़ा उदाहरण है। Haryana’s son and daughter become judges
Scrap aluminium logistics solutions Aluminium scrap heat treatments Metal scrap storage