सत्य खबर, गुरुग्राम सतीश भारद्वाज: Mahapanchayat held in 42 villages against government
प्रदेश सरकार गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम के चुनाव जल्द कराने की पुरजोर कोशिश कर रही है वहीं दूसरी तरफ मानेसर क्षेत्र के किसान नगर निगम को लेकर खफा है। ग्रामीण मानेसर नगर निगम को भंग कराने के लिए धरने प्रदर्शन और चुनाव का बहिष्कार तक करने की योजना बना रहे हैं। जिसके लिए बीते रविवार को मानेसर क्षेत्र के गांव पचगांव में एक महापंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें आसपास के क्षेत्र के करीब 42 गांव के मौजूद लोगों ने भाग लिया। लोगों का कहना था कि मानेसर के आसपास के गांवों की 1810 एकड़ जमीन भाजपा सरकार ने कौड़ियों के भाव लेकर किसानों के साथ अन्याय किया है वही 1128 एकड़ जमीन जो पहले अधिकरण की थी उसका ब्याज भी अभी तक नहीं दिया गया है।
Mahapanchayat held in 42 villages against government
मानेसर क्षेत्र के किसान अपनी जमीन को बचाने के लिए काफी दिनों से धरने पर बैठे हैं, लेकिन कोई भी अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी उनकी सुध नहीं ले रहा है यहां तक कि उन पर खतरे के बादल भी हमेशा मंडराते रहते हैं। किसानों का कहना था कि सरकार सदा किसानों की आवाज सुनती आई है मगर मानेसर क्षेत्र के किसानों की नहीं सुन रही है। ग्रामीणों ने नगर निगम के खिलाफ भी जमकर हल्ला बोला उनका कहना था कि उन्हें नगर निगम नहीं चाहिए ,विकास कार्य समय करा सकते हैं। पंचायत में पहुंचे क्षेत्रवासियों ने सरकार पर मिलीभगत का भी आरोप लगाया वहीं क्षेत्र के विधायक के खिलाफ भी गुस्सा फूटा। ग्रामीणों ने फैसला किया कि आगामी नगर निगम के चुनाव का वह बहिष्कार करेंगे। ना ही हमारे क्षेत्र से कोई नेता चुनाव के लिए नामांकन करेगा और ना ही वे किसी को वोट देंगे। क्षेत्र की महिलाओं ने भी मीडिया के सामने सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली उनका कहना था कि उनकी जमीन कौड़ियों के भाव लेकर सरकार उद्योगपतियों को बेच रही है। जितने पैसे सरकार दे रही है उतने मैं तो कहीं एक छोटा सा रहने के लिए प्लॉट तक भी नहीं मिल पाएगा ।
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हम तो अपनी कृषि की भूमि नहीं अपना गुजर-बसर कर लेंगे लेकिन सरकार जबरदस्ती उनका आशियाने उनसे छीनाना चाह रही हैं। महापंचायत में अहीर रेजिमेंट के कई नेता व क्षेत्र के सैकड़ों किसानों ने भी अपने अपने विचार रखे। इसके लिए आगामी 2 अप्रैल को दोबारा महापंचायत बुलाई गई है। महापंचायत में आए लोगों ने यह भी कह दिया कि निगम चुनाव से सरकार कुछ नहीं सकती है तो आने वाले विधानसभा और 2024 के चुनाव में भाजपा को सबक सिखा कर ही रहेंगे। बता दें कि किसानों की 1810 एकड़ अधिग्रहण में कई केस भी चल चुके हैं वहीं कासन गांव का एक जमीन का केस बरसों से हाईकोर्ट में विचाराधीन है। जोकि अब अधिग्रहण में आ चुका है। इस मामले में किसानों की कई दफा प्रदेश के मुख्यमंत्री विधायक व अन्य नेताओं से भी बातचीत हो चुकी है। मगर अभी तक इसका कोई हल नहीं निकल पाए जिससे लेकर किसानों में भी गहरा रोष सरकार के खिलाफ पनप रहा है। Mahapanchayat held in 42 villages against government
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