सत्यखबर, चंडीगढ़ । High Court Decision Rape Case After Marriage
जब पुरुष की शादी किसी दूसरी महिला से हो जाने के बाद भी संबंध बनाए जाएं तो इसे जबरन संबंध बनाने की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता, लंबे समय तक जारी इन संबंधों को सहमति संबंध ही कहेंगे, इस टिप्पणी के साथ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महिला की शादी का झांसा देकर जबरन संबंध बनाने की अपील खारिज कर दी।
जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर व जस्टिस कुलदीप तिवारी की बैंच ने कहा कि शिकायतकर्ता के आरोपी से कई सालों तक शारीरिक संबंध रहे। शादी से पहले और उसके बाद भी संबंध बने। ऐसे में इसे जबरन संबंध बनाना नहीं कहा जा सकता।
पढ़िए पूरा मामला
असल में एक महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उसने कहा कि आरोपी ने उसे शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए। यही नहीं, जब उसकी दूसरी महिला से शादी हो गई तो उसके बाद भी वह शादी का झांसा देकर संबंध बनाता रहा। इस मामले में कार्रवाई के लिए महिला हाईकोर्ट पहुंची थी।
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शिकायतकर्ता ने खुद संबंध की बात कबूली
इस मामले में हाईकोर्ट ने कहा कि याचिका में शिकायतकर्ता ने खुद कबूल किया कि साल 2012 से 2018 तक उसके आरोपी के साथ शारीरिक संबंध रहे। 6 साल तक संबंध रखना जबरन नहीं कहा जा सकता। हाईकोर्ट ने कहा कि शिकायत करने वाली पढ़ी-लिखी है। फिर भी आरोपी की शादी के बाद संबंध बने तो यह जबरन कैसे हुए?।
जींद की जिला अदालत के फैसले को सही ठहराया
इस मामले में हाईकोर्ट में महिला ने कहा था कि उसका गर्भपात भी कराया गया। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि कथित गर्भपात के मामले में आरोपी ने जो दवा दी, उसे लाने वाली खुद शिकायतकर्ता थी। इसका कोई दस्तावेजी प्रूफ भी नहीं है। इससे यह आरोप साबित नहीं होता। हाईकोर्ट ने इस केस में जींद के जिला अदालत के आरोपी को बरी करने के फैसले को सही ठहराया। High Court Decision Rape Case After Marriage
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