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Himachal Pradesh: हिमाचल में ख़तरा अभी नहीं टला, 100 से ज़्यादा सड़कें बंद, 22 लाशें बरामद; फिर आ सकती है बाढ़

Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ है और राज्य में 100 से ज़्यादा सड़कें बंद हो गई हैं। मौसम विभाग ने राज्य के अलग-अलग स्थानों पर 10 अगस्त को मध्यम से भारी बारिश, गरज और बिजली चमकने की ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी की है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में कांगड़ा, सिरमौर, चम्बा, शिमला, कुल्लू, किन्नौर, सोलन और मंडी जिलों के अलग-अलग हिस्सों में हल्की से मध्यम बाढ़ की चेतावनी भी जारी की है।

Himachal Pradesh: हिमाचल में ख़तरा अभी नहीं टला, 100 से ज़्यादा सड़कें बंद, 22 लाशें बरामद; फिर आ सकती है बाढ़

भूस्खलन और फ्लैश फ्लड की संभावना

राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार, कुल 109 सड़कें बंद हैं, जिनमें मंडी में 37, शिमला में 29, कुल्लू में 26, कांगड़ा में छह, किन्नौर और लाहौल-स्पीति में चार-चार, सिरमौर में दो और हमीरपुर में एक सड़क शामिल है। अगले पांच-छह दिनों के दौरान मानसून की गतिविधि की तीव्रता और प्रभाव क्षेत्र बढ़ने की संभावना है। मौसम विभाग ने कुछ स्थानों पर भूस्खलन और फ्लैश फ्लड की आशंका भी जताई है। विभाग ने तेज हवाओं और निचले इलाकों में जलभराव के कारण बाग़ों, फसलों, कमज़ोर ढांचों और कच्चे घरों को नुकसान पहुंचने की भी आशंका व्यक्त की है।

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बादल फटने से मरने वालों की संख्या 22 हुई

वहीं, आपको बता दें कि 31 जुलाई की मध्यरात्रि को शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों में बादल फटने से आई फ्लैश फ्लड में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 30 से ज़्यादा लापता लोगों की तलाश जारी है। वहीं, कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाना, मंडी के पद्धर और शिमला के रामपुर में फ्लैश फ्लड की ख़बरें हैं। सबसे ज़्यादा प्रभावित रामपुर उपमंडल की सरपारा पंचायत के अंतर्गत आने वाला समेज़ गांव है। यहां करीब 25 लोग लापता हैं।

मंडी के राजभान गांव से 9 लाशें बरामद

अधिकारियों ने बताया कि मंडी के राजभान गांव से नौ, कुल्लू जिले के निरमंड और बगीपुल से तीन और शिमला जिले के समेज़ व धड़कोल, ब्रो और सुन्नी बांध क्षेत्र से 10 लाशें बरामद हुई हैं। पुलिस ने बताया कि 22 में से छह लाशें बुधवार को बरामद की गईं। इनमें से चार शिमला और दो कुल्लू में बरामद हुईं। अब तक 12 लाशों की पहचान हो चुकी है और बाक़ी लाशों की पहचान के लिए डीएनए सैंपल लिए जा रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक़, करीब 85 किलोमीटर के दायरे में तलाशी अभियान जारी है।

7 दिनों से जारी है तलाशी अभियान

राज्य के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बुधवार को कहा कि ज़्यादा लाशें मिलने की कम संभावना है क्योंकि बह गए इलाक़े में तलाशी अभियान पहले ही चलाया जा चुका है। उधर, करीब 30 लापता लोगों के परिजन लगातार बारिश के बीच बुधवार को सातवें दिन भी तलाशी और बचाव अभियान पूरा होने पर उम्मीद खो रहे हैं। समेज़ गांव में चल रहे अभियान के बारे में एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडिंग ऑफिसर करम सिंह ने बताया, ‘बारिश हो रही है, लेकिन संयुक्त तलाशी और बचाव अभियान जारी है।’ सिंह ने बताया, ‘सतलुज नदी में पानी का स्तर बढ़ रहा है और कई जगहों पर भूस्खलन भी हो रहा है। सड़कों को साफ़ करने के लिए जेसीबी और अन्य मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। हमारे जवान कुशल हैं और रस्सियों का इस्तेमाल कर नदी पार कर रहे हैं और उन जगहों पर तलाश कर रहे हैं जहां लापता लोगों के होने की संभावना है।

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