सत्य खबर, करनाल ।Husband and wife from Haryana also included in Chandrayaan mission, know who they are
चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग का श्रेय इसरो के साइंटिस्टों को दिया जा रहा है। इसरो की इस टीम में दो साइंटिस्ट करनाल के भी हैं, जिन्होंने चंद्रयान-3 के इस मिशन में काम किया है। दोनों पति-पत्नी हैं। करनाल के कलंदरी गेट के रहने वाले दीपांशु गर्ग पत्नी ऐश्वर्या के साथ ही इसरो में काम करते हैं। चंद्रयान-3 में इन्होंने भी अपनी अहम भूमिका निभाई।
दीपांशु पढ़ाई में होशियार था और वह कुछ अलग करना चाहता था। दीपांशु की मां बीमार रहती थी। पिता जो कमाते वह मां की दवाइयों में खर्च हो जाता था। किताबें खरीदने के लिए दीपांशु को दिक्कतें झेलनी पड़ती थी। उन्होंने मुरथल के इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई की है। TCS में जॉब लगने के बाद भी नहीं हुई संतुष्टि
बीटेक के बाद दीपांशु का सलेक्शन टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (TCS) लिमिटेड गुरुग्राम में हो गया था, लेकिन वह वहां पर जॉब से संतुष्ट नहीं था। दीपांशु कुछ अलग करना चाहता था। जिसके बाद उसने जॉब के साथ ही अपना पूरा फोकस इसरो की परीक्षा पर दिया।
वह नौ से पांच जॉब करता और रात को एग्जाम के लिए तैयारी करता। मेहनत रंग लाई और उसका सेलेक्शन हो गया। इसके बाद बेंगलुरु में जॉइनिंग मिली। छह साल से दीपांशु ISRO की टीम के साथ काम कर रहे हैं। केरल की ऐश्वर्या से की शादी
सोनल ने बताया कि दीपांशु ने केरल की ऐश्वर्या से शादी की। भाई की कामयाबी के पीछे भाभी का भी हाथ है। अब चंद्रयान के बाद सूरज को फतेह करने का मिशन चला हुआ है। घर पर मम्मी पापा से बात होती है और पता चलता है कि दीपांशु सुबह सात बजे ही घर से ऑफिस के लिए निकल जाता है और देर रात तक लौटते हैं।
चंद्रयान-3 की टीम का हिस्सा होना कोई छोटी बात नहीं है और हमारा एक दोस्त इस टीम का हिस्सा है। 140 करोड़ की जनसंख्या में से 16 हजार वैज्ञानिक इस टीम में थे और उस टीम में हरियाणा के करनाल का दीपांशु भी है।
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