सत्य खबर, लखनऊ ।Jyoti Maurya’s husband Alok Maurya said this big thing.
आखिरकार PCS ज्योति मौर्या ने अपने पति आलोक मौर्या से छुटकारा पाने के लिए परिवार न्यायालय का रुख किया है. इस मामले में आज मंगलवार को पहली तारीख थी. कोर्ट में उनके पति आलोक मौर्या अपने वकील के साथ हाजिर हुए और ज्योति मौर्या द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि ज्योति मौर्या द्वारा लगाए गए सभी आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं. जबकि वह परिवार न्यायालय में भी काफी मजबूत हैं. इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए आलोक मौर्या ने अपने परिवार की बर्बादी के लिए ज्योति मौर्या को कम लेकिन मनीष दुबे को ज्यादा दोषी बताया.
उन्होंने कहा कि यदि मनीष दुबे उनकी पत्नी ज्योति मौर्या की जिंदगी में नहीं आते तो उनका परिवार बर्बाद नहीं होता. आलोक मौर्या ने कहा कि मनीष दुबे ने केवल उनका ही नहीं, कई अन्य का भी घर बर्बाद किया है. उसके तमाम ऑडियो और वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं. उन्होंने खुद भी मनीष दुबे के खिलाफ चल रही जांच में तथ्यों के साथ बयान दर्ज कराया है. जिसके आधार पर एडीजी प्रयागराज ने उसे दोषी मानते हुए अपनी रिपोर्ट डीजीपी को सौंपी है. आलोक मौर्या ने कोर्ट में ज्योति मौर्या द्वारा लगाए सभी आरोपों का क्रमवार जवाब दिया है.
Also Read:शिव भगत कांवड़िए तो बहुत देखे होंगे पर ऐसा नहीं
इस संबंध में उन्होंने अदालत में तमाम सबूत भी सौंपे हैं. हालांकि उन्होंने यह तो खुलासा नहीं किया कि क्या सबूत हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि ज्योति के सभी आरोप बेबुनियाद हैं. आलोक ने कहा कि उन दोनों के विवाद में बिना वजह उनके बच्चे पिस रहे हैं. वह अपने बच्चों की खातिर ही ज्योति से माफी मांगने को तैयार है. झूठ बोलकर शादी की बात पर उन्होंने कहा कि झूठ बोल कर शादी नहीं हुई है. मेरे पास ज्योति मौर्या की एक चिट्ठी आज भी रखी है. यह चिट्ठी शादी से पहले ज्योति ने उन्हें लिखी थी.उन्होंने इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कराई जा रही जांच के दौरान भी बयान दिया है और चिट्ठी की कॉपी सौंपी है. आज यहां परिवार न्यायालय में भी दाखिल किया है.
इसी प्रकार दहेज के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि ज्योति के घर वालों ने 5000 रुपये गिफ्ट दिए थे. अब कह रही है कि बंगला, गाड़ी और नगदी दहेज में मांगा जा रहा है. आलोक मौर्या ने कहा कि ज्योति मौर्या द्वारा लगाए गए सभी आरोप हर प्लेटफार्म पर खारिज हुए हैं. जबकि हर जगह उनके सबूतों और बयानों को तरजीह दी गई है, यहां भी ऐसा ही होगा. यहां भी ज्योति के आरोप अदालत में टिकेंगे नहीं, जबकि वह यहां भी मजबूती के साथ खड़े हैं. आलोक ने कहा कि अदालत का जो भी फैसला होगा, उन्हें मान्य है, लेकिन वह अपने बच्चों के लिए इस पूरे मामले का पटाक्षेप चाहते हैं. वह चाहते हैं कि उन्हें उनके बच्चों से मिलने दिया जाए. यह उनका संवैधानिक अधिकार भी है.