Aghan month starting from today
सत्य खबर, पानीपत। पंचांग के अनुसार कार्तिक महीने के बाद आज मार्गशीर्ष या फिर कहें अगहन मास की शुरुआत हो रही है. हिंदू धर्म में इस मास को अत्यंत ही पवित्र और पुण्यदायी माना गया है. धार्मिक मान्यता के अनुसार अगहन का महीना भगवान श्री कृष्ण की विशेष साधना-आराधना के लिए जाना जाता है. साल 2022 में अगहन का महीना 09 नवंबर 2022 से लेकर 08 दिसंबर 2022 तक रहेगा. मार्गशीर्ष मास के बारे में मान्यता है कि इसी महीने से सतयुग की शुरुआत हुई थी. मान्यता यह भी है कि इसी महीने में महर्षि कश्यप ने कश्मीर राज्य की स्थापना की थी. मार्गशीर्ष मास के धार्मिक महत्व एवं नियम आदि के बारे में आइए विस्तार से जानते हैं.Aghan month starting from today
मार्गशीर्ष मास का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में कार्तिक महीने के बाद पड़ने वाले मास को मार्गशीर्ष इसलिए कहते हैं क्योंकि इस महीने के शुक्लपक्ष के आखिरी दिन यानि पूर्णिमा पर चंद्रमा मृगशिरा नक्षत्र में रहता है. इसी नक्षत्र के नाम पर इस पावन मास का नाम मार्गशीर्ष रखा गया. मार्गशीर्ष या फिर कहें अगहन मास को जाने-अनजाने किए गए पाप से मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति के लिए सबसे उत्तम बताया गया है. इस पावन मास में किसी पवित्र नदी या सरोवर आदि में स्नान एवं दान आदि करने का बहुत ज्यादा महत्व है. मार्गशीर्ष मास में भगवान श्री कृष्ण की पूजा अत्यंत ही फलदायी मानी गई है.
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अगहन मास के तीज त्योहार
अगहन का मास न सिर्फ पूर्णावतार भगवान श्रीकृष्ण की विशेष साधना के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, बल्कि इस मास में पड़ने वाले कई देवी-देवताओं की पूजा से जुड़े तीज-त्योहार भी पड़ते हैं. इस साल अगहन मास की शुरुआत भगवान शिव के अवतार माने जाने वाले काल भैरव की पूजा से जुड़े पावन पर्व कालभैरव अष्टमी से होगी. इसके बाद इस पावन मास में उत्पन्ना एकादशी, विवाह पंचमी, नंदा सप्तमी, मोक्षदा एकादशी आदि बड़े पर्व पड़ेंगे.Aghan month starting from today
अगहन मास के नियम
मार्गशीर्ष या फिर कहें अगहन मास में प्रतिदिन भगवान श्रीकृष्ण की विधि-विधान से पूजा एवं श्रीमद्भगवद गीता का पाठ करना चाहिए. अगहन मास में प्रतिदिन तुलसी जी की सेवा एवं पूजा करें. मान्यता है कि अगहन मास में प्रतिदिन शाम को तुलसी जी के लिए शुद्ध घी का दीया जाने और तुलसी के पत्तों को प्रसाद के रूप में सेवन करने पर पुण्य फल की प्राप्ति होती है. अगहन मास में प्रतिदिन तुलसी की माला से ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जप करने पर से श्री हरि की कृपा प्राप्त होती हैै. मार्गशीर्ष मास में किसी पवित्र नदी या सरोवर में प्रतिदिन स्नान करना चाहिए.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं )
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