सत्य खबर । चंडीगढ़
किसानों के दिल्ली घेराव और कृषि कानूनों को लेकर चल रहे आंदोलन में इनेलो के विधायक अभय चौटाला जल्द शामिल हो इस्तीफा दे सकते हैं। इस बात की पुष्टि स्वयं अभय चौटाला ने करते हुए बताया अगर किसान चाहेंगे तो कि इस्तीफे की एक कॉपी वे किसान संगठनों व एक कॉपी हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष को भेजेंगे।
हरियाणा में इनेलो नेता अभय चौटाला का यह राजनीतिक दांव ऐसी स्थिति में कई नेताओं के लिए सिरदर्द बन सकता है क्योंकि हरियाणा की कई खापें व पंचायतें आजकल नेताओं के बहिष्कार की बातें कर रही हैं। अभय चौटाला का यह दांव हरियाणा के उन विधायकों के लिए सिरदर्द बन सकता है, जो विधायक कृषि प्रदान क्षेत्रों के प्रतिनिधि हैं, फिर चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल से क्यों न हों।
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अभय चौटाला का कहना है कि इनेलो देवीलाल का लगाया पौधा है व देवीलाल ने किसानों व कमेरे वर्ग के लिए कई बार कई पदों से त्यागपत्र दिया है। चौटाला के इस्तीफे से हरियाणा के 18 से 20 विधायकों के लिए परेशानियां बढ़ सकती हैं। हरियाणा के कृषि प्रधान राज्य होने के कारण किसानों के नाम पर राजनीति जो नेता करते हैं, उनके लिए परेशानियां ज्यादा हो सकती हैं। खास कर सत्ता से जुड़े विधायक व मंत्री इस वक्त किसानों व विपक्ष के निशाने पर हैं।
हरियाणा की राजनीति में अभय चौटाला का यह दावा सबसे ज्यादा परेशानी उनके भतीजे दुष्यंत चौटाला जो हरियाणा की गठबंधन की सरकार में डिप्टी सीएम हैं, के लिए पैदा हो सकती है। पिछले तीन दिनों से दिग्विजय सिंह चौटाला किसान आंदोलन की नब्ज को पकड़ते हुए जजपा के मंच से किसानों पर दर्ज मुकदमों की वापसी व हर मोर्चे पर किसानों के साथ खड़े होने की पैरवी कर दुष्यंत को “शील्ड” प्रदान कर रहे हैं।
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दिग्विजय चौटाला किसानों पर पीपली में हुए लाठीचार्ज के मुद्दे पर पहले भी खुल कर पुलिस की कार्यप्रणाली की आलोचना कर चुके हैं। अभी तक किसानों के आंदोलन पर दुष्यंत की खामोशी सभी आंदोलकारियों को अखर रही है। ऐसे दौर में अभय चौटाला का विधायक पद से इस्तीफे के दांव जहां इनेलो के ग्राफ को मजबूती की तरफ ले जा सकता है, वहीं सत्ता से जुड़े लोगों के लिए परेशानी बढ़ा सकता है।
हरियाणा में कांग्रेस, इनेलो व अन्य विपक्षी दल पहले दिन से ही किसानों के पक्ष में लगातार खड़े नजर आ रहे हैं। कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में कुमारी सैलजा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला खुल कर कृषि कानूनों के खिलाफ बोल रहे हैं। इनेलो हरियाणा में पिछले विधानसभा चुनाव 2019 से पहले जैसे हासिए पर आई, उसको मजबूती प्रदान के लिए अभय चौटाला कोई कोर कसर नहीं छोड़ते नजर आ रहे। पिछले 2019 में हुए चुनावों में इनेलो का वोट बैंक जजपा ले गई और 10 सीटें जीत सत्ता में भागीदार है।
जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला अपने भाई के हर राजनीतिक दांव को जानते हैं। उन्होंने पांच दिन पहले ही किसानों के हक में एमएसपी देने की बात की वकालत करके स्थिति पर उनकी पैनी निगाह होने की बात दिखाई थी।
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