सत्य खबर चंडीगढ़, 30 सितंबर
MSP proved to be another election slogan of BJP: Anurag Dhanda*
आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने शनिवार को प्रदेश की मंडियों में बाजरे और धान की एमएसपी से कम मूल्य पर खरीद को लेकर खट्टर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि खरीद की घोषणा होने के बावजूद सरकारी एजेंसियों ने अभी तक प्रदेश की अधिकांश मंडियों में बाजरा और धान की खरीद शुरू नहीं की है। फसल की 70 फीसदी क्वालिटी खराब बता कर किसानों की फसल नहीं खरीदी जा रही है। दूसरी ओर जिन मंडियों में खरीद शुरू भी हुई है, वहां रेट न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी कि एमएसपी से कम मिल रहा है. 2,200 रुपये की एमएसपी के मुकाबले निजी व्यापारी बाजरे की खरीद 1,900 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर कर रहे हैं। एमएसपी बीजेपी के लिए एक और चुनावी जुमला बन कर रह गया है।
उन्होंने कहा कि बाजरा की एमएसपी राशि 2,500 रुपये के मुकाबले 1,900 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत मिल रही है, जिससे किसान परेशान हैं। दूसरी ओर निजी एजेंसियां बासमती चावल को 3,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद रही हैं। इस तरह बाजरा और बासमती चावल के रेट में भारी अंतर है,जिससे किसान परेशान हैं।
उन्होंने मंडियों की व्यवस्था को लेकर भी निशाना साधा। मंडियों में हजारों क्विंटल बाजरा और धान किसानों ने पहुंचा दिया है। जबकि खरीद नहीं होने से मंडियों में खुले में पड़ा है। मंडियों की बदहाली के लिए खट्टर सरकार जिम्मेदार है। वहीं धान की फसल की कटाई के बाद पराली की व्यवस्था के लिए भी कोई कदम नहीं उठाया गया है।
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उन्होंने कहा कि पराली के ठीक निस्तारण के लिए सब्सिडी और मशीन सरकार की तरफ से दी जानी थी, जोकि किसानों तक नहीं पहुंची। इस कारण किसान दूसरे तरीके अपना रहे हैं। कुछ जगह आग लगाकर खेतों की सफाई की बात सामने आई है। जहां प्रशासन हजारों में जुर्माना लगा रहा है। किसानों पर जुर्माना लगाने की बजाय सरकार किसानों को पराली के समाधान में सहयोग करे। प्रदेश के हजारों किसान सरकार की नाकामियों का फल भुगतने को मजबूर हैं।