सत्यखबर, पुणे। Murder of the whole family
महाराष्ट्र के पुणे शहर में एक ही परिवार के सात लोगों की लाशें मिली थीं. एक साथ 7 मौतों से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी. सबके मन में एक ही सवाल था कि एक साथ पूरा परिवार कैसे मौत के मुंह में समा गया? पुलिस ने इस मामले को पहले तो सामूहिक आत्महत्या बता दिया था. लेकिन जब पुख्ता छानबीन और जांच के बाद इस मामले का खुलासा हुआ, तो हर कोई हैरान रह गया. असल में यह मामला सुसाइड का नहीं बल्कि साजिशन कत्ल का निकला. पुरानी रंजिश के चलते पूरे परिवार का खात्मा कर दिया गया और उनकी लाशें नदी में फेंक दी गईं.
पुणे शहर की पुलिस को एक गांव से इत्तिला मिली कि यवत गांव के बाहरी इलाके में भीमा नदी पर परगांव पुल के पास 4 लोगों की लाशें मिली हैं. यह सुनकर महकमे में हड़कंप मच गया. पुलिस फौरन मौके पर पहुंची और चारों शव पानी से निकाल कर कब्जे में ले लिए. पंचनामे की कार्रवाई के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए रवाना कर दिए गए. मौका-ए-वारदात का मंजर और लाशों की हालत देखकर यही लग रहा था कि मामला खुदकुशी का हो सकता है. पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरु कर दी.
पुणे शहर की पुलिस को फिर से इत्तिला मिली कि यवत गांव के बाहरी इलाके में भीमा नदी पर परगांव पुल के पास फिर से 3 शव मिले हैं. हैरान परेशान पुलिस वाले फिर से मौके पर जा पहुंचे. पुलिस ने देखा कि वहां तीन लाशें पड़ी थीं. बिल्कुल उसी तरह से जैसे एक दिन पहले 4 लाशें मिली थीं. खास बात ये थी कि सभी लाशें एक दूसरे से करीब 200 से 300 मीटर की दूरी पर पड़ी थीं.
पुलिस के लिए मामला चुनौतीपूर्ण हो गया था. महज दो दिनों में 7 लोगों की लाशें, वो भी एक ही जगह. ये बात पुलिस को परेशान कर रही थी. लेकिन हालात का जायजा लेने और प्राथमिक जांच करने के बाद पुलिस ने इस मामले को आत्महत्या करार दिया. उसी एंगल से पुलिस मामले की जांच पड़ताल भी कर रही थी.
इसके बाद सबसे पहला काम पुलिस ने शिनाख्त का किया. क्योंकि पहले तो यही जानना ज़रूरी था कि आखिर मरने वाले लोग कौन थे? पुलिस को बरामद की गई लाशों की शिनाख्त करने में ज्यादा देर नहीं लगी. मरने वालों में 45 वर्षीय मोहन पवार, उनकी 40 वर्षीय पत्नी संगीता पवार उनकी बेटी रानी फलवरे, दामाद श्याम पंडित फलवरे और उनके 3 बच्चों के तौर पर की गई.
पुलिस के मुताबिक, मरने वाले सभी लोग एक ही परिवार के थे. पुलिस को मृतकों के शरीर पर बाहरी चोट के कोई निशान भी नहीं मिले थे. अब सवाल उठ रहा था कि अगर ये मामला सामूहिक आत्महत्या का है, तो पूरे परिवार ने एक साथ खुदकुशी क्यों और किस लिए की? पुलिस को इसी सवाल का जवाब तलाश करना था. लिहाजा, पुलिस ने तेजी से मामले की छानबीन शुरू कर दी.
पुणे जिले ग्रामीण पुलिस ने सात लोगों की मौत को आत्महत्या तो बता दिया था, लेकिन मामले की जांच पड़ताल भी जारी थी. पहले पुलिस ने दावा किया था कि परिवार की लड़की को गांव के ही एक लड़के से प्यार हो गया था. इसके बाद अचानक वो दोनों गांव से गायब हो गए थे. इसी वजह से एक ही परिवार के सात लोगों ने आत्महत्या कर ली थी.
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अब पुलिस मामले की छानबीन को आगे बढ़ा रही थी. कई लोगों से पूछताछ भी की जा रही थी. जैसे-जैसे ये जांच आगे बढ़ी तो पूरी कहानी ही उलट गई. पुलिस को पता चला कि ये मामला खुदकुशी का नहीं, बल्कि हत्या का था. पुणे जिला ग्रामीण पुलिस को जांच में पता चला कि ये सामूहिक हत्याकांड पुरानी रंजिश में अंजाम दिया गया है. और इसे अंजाम देने वाले भी कोई और नहीं बल्कि मोहन पवार के चचेरे भाई थे.
पुणे ग्रामीण पुलिस के मुताबिक, पवार खानदान के लोगों में आपसी रंजिश चली आ रही थी. ये रंजिश इस हद तक थी कि मोहन के चचेरे भाइयों ने मिलकर उनके पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया. यही नहीं उनकी मौत को आत्महत्या दर्शाने के मकसद से आरोपियों ने पहले 4 और बाद में 3 लोगों की लाशों को मौका-ए-वारदात पर फेंक दिया था. पुलिस का दावा है कि आरोपियों की तरफ से उनके कुछ परिचितों और रिश्तेदारों ने पहले मोहन पवार के परिवार को खाने में कुछ मिलाकर खिला दिया था. जिससे परिवार को सातों लोग बेहोश हो गए थे. इसके बाद ये पहले चार और फिर 3 लोगों को ले जाकर नदी में फेंक आए थे.
पुणे ग्रामीण पुलिस के एक आला अफसर ने बताया कि दिल दहला देने वाले इस हत्याकांड में चार चचेरे भाइयों समेत कुल 6 को पुलिस ने मंगलवार की देर रात गिरफ्तार कर लिया है. इस जघन्य कांड को अंजाम देने में एक महिला भी उनके साथ शामिल थी. जबकि इस हत्याकांड में शामिल एक आरोपी अभी भी फरार है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है. साथ ही इस मामले में फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मदद भी ली जा रही है. पूरे परिवार की मौत का मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है. Murder of the whole family
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