Nitish will not destroy Modi’s 2024 dreams. Every revolution starts from Bihar itself
सत्य खबर,नई दिल्ली
हरियाणा में सियासी किस्से कहानियां कैसी भी हो हरियाणा के लोग मजे से चौपाल पर चर्चा करते है इनकी चौपाल इतनी भी छोटी नही होती कि उसमें केवल हरियाणा ही बसा है। आजकल चौक चौपालों पर चर्चा आम है कि कहीं मोदी की उल्टी गिनती तो शुरू नहीं हो जाएगी। नीतीश ने तो बीजेपी को बड़ा वाला झटका दे दिया ही। कहां शाह मोदी बिहार में अपनी सरकार बनाने में लगे थे नीतीश कुमार ने ऐसा धोबी पछाड़ मारा की । एक ही झटके में बिहार सरकार से बाहर हो गए। बीजेपी को अब कुछ समझ मे नही आ रहा कि वो क्या करें। ही कुछ ऐसी है। बिहार में NDA का गठबंधन टूट गया है। नीतीश अब फिर एक बार काँग्रेस और RJD के साथ मिलकर सरकार बना चुके है। नीतीश एक बार फिर मुख्यमंत्री है और तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बनाएं गए है। है न कितनी गजब बात। अगर नीतीश को लगा कि बीजेपी गठबंधन से उनकी पार्टी टूट जाएगी? तो वो कभी बीजेपी को नहीं छोड़ेंगे, बस हुआ भी ये बीजेपी को राजनीति का असली अंक तो नीतीश ने ही समझया है। नीतीश को आप पसंद करें या नापसंद लेकिन बंदे में टैलेंट है 20 साल से सत्ता में हैं, आठवी बार मुख्यमंत्री बना है। आजादी के बाद नीतीश जैसा चाणक्य कौन देश में पैदा हुआ है, बड़े बड़े चाणक्य के पितामह निकले नीतीश।
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ये किसी से छुपा नही है कि मोदी के रथ को किसी ने रोका था तो वो है नीतीश कुमार । 2014 के बाद मोदी की अगुवाई में बीजेपी एक के बाद एक किले फतह कर रही थी। लेकिन लालू और नीतीश की जोड़ी ने जोरदार झटका दिया था बिहार में । और 2016 के बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। अब एक बार फिर नीतीश बाबू बीजेपी से नाराज हो गए है और अब दुबारा बीजेपी को राजनीति का अंकगणित समझाने की फिराक में है। लोगो को अब लगने लगा है कि बीजेपी ने अब अति कर दी है। जिस तरह से ED और CBI का इस्तेमाल कर विपक्षी दलों को निशाना बनाया जा रहा है वो ठीक नही है। कांग्रेसियों को लगता है कि सोनिया गांधी पर ED की कार्रवाई।किसी भी कीमत पर सही नही ठहराई जा सकती है। सोनिया गांधी बीमार है ऐसे में उनके साथ इस तरह पेश आना किसी भी कीमत पर सही नही है। वैसे भी राजनीति में आप विनम्र हो कर ही लोगो का दिल जीत सकते है। जैसे ही आपके अंदर अहंकार आ जाए। जनता को बर्दाश्त नही होता है। और वो मौके की तलाश में रहती है। वैसे भी सत्ता में बैठा व्यक्ति अंधा ही होता है। वो जो देखना चाहता है वही देखता है।
जिस तरह से एक के बाद एक ED की कार्यवाही हो रही है उससे जनता में संभवत सरकार के पक्ष में संदेश कम ही जा रहा है। ऐसा इसलिए की सत्ता को हरदम निष्पक्ष नज़र आना चाहिये। लेकिन ED की कार्यवाही केवल विपक्षी नेताओ पर ही हो रही है। उधर जो दागी नेता बीजेपी में शामिल हो जाता है। उस पर कोई कार्रवाई नही होती है। ऐसा नही है कि ED जो कार्रवाई।कर रही है गलत है। जो लोग पकड़े जा रहे है वो ईमानदार है ऐसा भी नही है अगर उनके घर से करोड़ो रुपये मिल रहे है तो वो सही कैसे हो सकते है। लेकिन ऐसे करोड़ो रूपये की खोज बीजेपी के नेताओ।पर क्यू नही हो रही है। ये वो मुद्दे है जो नीतीश कुमार। NDA से अलग होकर उठाना चाहते है। ये वो सवाल है जिससे मोदी शाह की जोड़ी भाग नही सकती है। और जब ये मुद्दे नीतीश की जबान से उठेंगे तो बिहार ही नही देश मे भी फर्क पड़ेगा। क्योंकि नीतीश को लेकर आमतौर पर लोगो के मन मे ईमानदारी की भावना है। यही वजह रही है कि नीतीश मोदी की लड़ाई में अक्सर नीतीश जीतते नज़र आते है। अब विपक्ष को नीतीश के रूप में एक तुरुप का इका मिल गया है । जो हो सकता है कि 2024 की लड़ाई को रोचक बना दे। और मुख्य मुकाबला नीतीश और मोदी में हो जाए। क्योंकि नीतीश ने पहले ही कहा था कि ये उनका आखिरी चुनाव है इसके बाद हो राजनीति से सन्यास ले लेंगे। हो सकता है कि उनके मन मे चल रहा हो क्यों न एक बार मोदी के साथ लोहा ले ही लिया जाए। हो सकता है दांव लग जाए । और वो प्रधानमंत्री बन जाएं। आप क्या सोचते है। कि अगर 2024 में नीतीश और मोदी का मुकाबला हुआ तो कौन जीतेगा। कमेंट कर जरूर लिखिए।
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