सत्यखबर, चंडीगढ़। Political History of Haryana
हरियाणा के करीब 55 बरस के सियासी इतिहास में अब तक 10 नेताओं को 24 बार मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला है। खास पहलू यह है कि अब तक बनी 10 मुख्यमंत्रियों में से 6 मुख्यमंत्री ऐसे हैं जो जेल जा चुके हैं। हरियाणा के पहले मुख्यमंत्री भगवत दयाल शर्मा आजादी से पहले हुए आंदोलनों के चलते कई बार जेल में गए। दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे चौधरी देवी लाल आजादी से पहले कारावास में रहे तो,1975 से लेकर जनवरी 1977 तक वे करीब 19 महीनों के लिए आपातकाल के दौरान भी जेल में रहे। चार बार हरियाणा के सीएम रहे बंसी लाल को भी एक बार 1977 में गिरफ्तार किया गया। इसी तरह से दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे बनारसी दास गुप्ता भी स्वतंत्रता आंदोलन के समय अनेक बार जेल में गए। अपने पिता चौधरी देवीलाल की तरह चौधरी ओमप्रकाश चौटाला को भी आपातकाल के दौरान करीब 19 महीने तक जेल में रखा गया। मीसा के अंतर्गत 1975 से 1977 तक जेल में रहे।
गौरतलब है कि अब तक हरियाणा में 10 नेता 24 बार मुख्यमंत्री बने हैं। सबसे अधिक 5 बार ओम प्रकाश चौटाला, चार बार चौधरी बंसीलाल, तीन बार चौधरी भजन लाल मुख्यमंत्री बने हैं। इसी तरह से भगवत दयाल शर्मा, बनारसी दास गुप्ता, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मनोहर लाल खट्टर दो-दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बनने में सफल हुए हैं। राव वीरेंद्र सिंह और मास्टर हुकम सिंह एक एक बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। 1 नवंबर 1966 को हरियाणा का गठन हुआ और पंडित भगवत दयाल शर्मा हरियाणा की पहली बार मुख्यमंत्री बने। पंडित भगवत दयाल शर्मा दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। आजादी के आंदोलन में भगवत दयाल शर्मा लगातार सक्रिय रहे 1 साल के लिए जेल में भेजा गया। इसके बाद साल 1942 में साढ़े तीन साल की कारावास की सजा सुनाई गई। पंडित भगवत दयाल शर्मा हरियाणा के मुख्यमंत्री रहने के अलावा उड़ीसा और मध्य प्रदेश के राज्यपाल भी रहे। चौधरी देवी लाल साल 1930 में 16 साल की उम्र में पहली बार जेल में गए।
ब्रिटिश सरकार के कट्टर समर्थक कालू आना गांव के जमीदार लूणाराम के खिलाफ संघर्ष छेडऩे के लिए देवीलाल को जेल में भेजा गया। उस समय देवीलाल पर 5000 रुपए का जुर्माना लगाया गया जुर्माना ने दिए जाने की स्थिति में 1 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। देवीलाल ने जुर्माना देने से मना कर दिया और कारावास का विकल्प चुना। मार्च 1931 में गांधी इरविन समझौता के तहत उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। ब्रिटिश हुकूमत के दौरान ही किसानों के हकों को लेकर आवाज उठा रहे चौधरी देवी लाल को 1933 में फिर से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद साल 1942 में चौधरी देवीलाल ने भारत छोड़ो आंदोलन में भी हिस्सा लिया और 5 अक्टूबर 1942 को उन्हें गांव चौटाला से गिरफ्तार किया गया। पहले उन्हें हिसार जिला जेल में रखा गया और बाद में सेंट्रल जेल मुल्तान में शिफ्ट कर दिया गया वे अक्टूबर 1943 तक जेल में रहे। 1971 में चौधरी देवीलाल में किसान विरोधी नीतियों का विरोध करने के लिए किसान संघर्ष समिति का गठन किया। इस दौरान लम्बा आंदोलन चलाया और 1973 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पहले सिरसा जेल में रखा गया और फिर अंबाला जेल में भेज दिया गया। 4 अक्टूबर 1973 को हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश पर चौधरी देवीलाल को रिहा किया गया। 25 जून 1975 को राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा के बाद विपक्ष के अनेक नेताओं को आंतरिक सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया।
इसी कड़ी में 25 जून 1975 को चौधरी देवी लाल को भी निशा के अंतर्गत गिरफ्तार कर लिया गया 28 जनवरी 1977 तक चौधरी देवीलाल हरियाणा की विभिन्न जेलों में रहे। वहीं साल 1977 के विधानसभा चुनावों में चौधरी देवी लाल के नेतृत्व में जनता पार्टी को 75 सीटों पर जीत मिली और चौधरी देवीलाल पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए। मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही चौधरी देवीलाल ने अपने तेवरों से स्पष्ट कर दिया था कि वह बंसीलाल के खिलाफ कड़े कदम उठाएंगे। चौधरी बंसीलाल के खिलाफ कई केस दर्ज किए गए लेकिन जांच में किसी भी केस में चौधरी बंसीलाल के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। भ्रष्टाचार के एक मामले में चौधरी बंसीलाल को 24 अगस्त 1977 को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया। हथकड़ी लगाकर बंसीलाल को भिवानी के बाजारों और गलियों में घुमाया गया इसके बाद उन्हें लॉकअप में ले जाया गया एक रात बंसीलाल ने लॉकअप में ही काटी और अगले दिन 25 अगस्त 1977 को उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई।
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वहीं अपने पिता चौधरी देवीलाल की तरह चौधरी ओमप्रकाश चौटाला को भी आपातकाल के दौरान कारावास काटना पड़ा। पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे चौधरी ओमप्रकाश चौटाला को आपातकाल के बाद 25 जून 1975 को गिरफ्तार किया गया था। ओम प्रकाश चौटाला इस दौरान हिसार जिले की जेल में बंद रहे ओम प्रकाश चौटाला के साथ उनके छोटे भाई जगदीश सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था। इसी तरह से करीब 8 महीने तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे मास्टर हुकम सिंह को भी आपातकाल के दौरान आंतरिक सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया था। मास्टर हुकम सिंह करीब 19 महीने तक जेल में रहे थे। बाद में 1990 में कुछ समय के लिए मास्टर हुकुम सिंह हरियाणा के सीएम बने। Political History of Haryana
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