सत्य खबर, चण्डीगढ़, सतीश भारद्वाज :Punjab and Haryana High Court rejects anticipatory bail plea of CM Window police employee in bribery case.
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने रिश्वत मामले में हरियाणा के सीएम विंडो से जुड़े एक पुलिस कर्मचारी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति अनूप चितकारा की पीठ ने कहा कि ”संवेदनशील पद पर काम करने वाले याचिकाकर्ता के अपराध में शामिल होने के कारण ₹1.25 करोड़ की भारी संलिप्तता को देखते हुए, ऐसे अपराध पूरी व्यवस्था को ध्वस्त कर देंगे, जिससे कानून का भी मज़ाक बन जाएगा। जिसको लेकर शिकायतकर्ता ने आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और आपराधिक धमकी के लिए पालम विहार पुलिस स्टेशन में 6 फरवरी को मामला दर्ज कराया था। जिसमें डीसीपी पश्चिम कार्यालय में तैनात सीएम विंडो डीलिंग हैंड संदीप कुमार पर रिश्वत मांगने का आरोप लगा था।
उन्होंने 13 सितंबर को जमानत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उच्च न्यायालय ने याचिका लंबित होने के कारण गिरफ्तारी से अंतरिम राहत भी दी थी। जब राज्य के जवाब आने के बाद कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है। कर्मचारी संदीप कुमार पर आरोप थे उसने शिकायतकर्ता को बताया कि उसके टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग में वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य संबंधित व्यक्तियों के साथ अच्छे संबंध हैं, और सीएम विंडो सीट पर काम करने की पहुंच से सब काम करवा सकता है। शिकायतकर्ता, जिसके पास फ़रीदाबाद में ज़मीन का एक टुकड़ा था, के पास कुछ राजस्व या शहर और देश नियोजन विभाग के रिकॉर्ड में बदलाव के बारे में सरकार के पास एक फ़ाइल लंबित थी। जिसको निकलवाना चाहता था।
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आरोप है कि आरोपी ने ₹1.25 करोड़ की राशि की मांग की गई, आरोपी ने अनिल नामक व्यक्ति के साथ मिलकर ₹25 लाख की अग्रिम राशि ली और बाद में ₹10 लाख और ₹15 लाख की दो किस्तें लीं। लेकिन जब काम नहीं हुआ और शिकायतकर्ता को संदेह हुआ, तो उसने कॉल आदि रिकॉर्ड कर ली थी। जिस पर शिकायतकर्ता को धमकी मिली थी। जिस पर फरवरी 2023 में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। पुलिस ने भी तर्क दिया था कि हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है क्योंकि ₹25 लाख की राशि की वसूली भी करनी है तथा प्रारंभिक जांच से आरोपी की संलिप्तता नजर आ रही है।