सत्य खबर,नई दिल्ली ।
Rescue operation of workers trapped in tunnel reached here
उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने की कोशिशें जारी हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत ड्रिलिंग फिर से शुरू हो गई है. अधिकारियों ने बताया कि ड्रिलिंग के जरिए पाइप 32 मीटर अंदर तक पहुंच गई है. 11 दिन से अंदर फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकलने का रास्ता तैयार करने के लिए अमेरिकी ऑगर मशीन से देर रात ड्रिलिंग शुरू की गई. इससे पहले ड्रिलिंग के दौरान मशीन के एक कठोर वस्तु से टकराने की वजह से ड्रिलिंग का काम रोक दिया गया था. सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने कहा कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो दो दिनों में मजदूर बाहर आ जाएंगे.
बरकोट की तरफ से भी ड्रिलिंग
स्पॉट पर 4 एम्बुलेंस मौजूद हैं. अलग-अलग जिलों से एम्बुलेंस बुलाई गई हैं. उत्तरकाशी के जिला अस्पताल को स्टैंडबाई पर रखा गया है. मेजर नमन ने बताया कि बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए एक्सेस रोड का निर्माण किया है. 1150 मीटर का ट्रैक बनाया गया है. मशीनें ऊपर जा चुकी हैं.
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वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए 5 किलोमीटर का ट्रैक बाड़कोट की तरफ से बनाया जा रहा है. बचावकर्मियों ने सुरंग के बाड़कोट-छोर पर भी दो विस्फोट किए, जिससे मजदूरों को निकालने के लिए एक और सुरंग को ड्रिल करने की प्रक्रिया शुरू हुई.
खाने में भेजा पनीर-पुलाव
सुरंग में फंसे मजदूरों को पाइप के जरिए रात को पुलाव, मटर-पनीर और मक्खन वाली रोटी भेजी गई थी. इस खाने को डॉक्टर की देखरेख में तैयार किया गया था. इस बात की जानकारी रसोइया संजीत राणा ने दी है. उन्होंने बताया कि कम तेल और मसालों के साथ तैयार ये खाना तैयार किया गया था. मजदूरों को कुल 150 पैकेट खाना भेजा गया था. दिन में उन्हें फल भेजे गए थे.
इससे पहले छह इंच की पाइपलाइन के जरिए मजदूरों तक एंडोस्कोपिक फ्लैक्सी कैमरा भेजा गया था. इस कैमरे की मदद से मजदूरों के हालात की जानकारी ली गई. उनके वीडियो बाहर आए, जिसमें वो सकुशल दिखे. वीडिये में मजदूर एक-दूसरे से बात करते हुए दिखाई दिए.
12 नवंबर को 4 किलोमीटर लंबी निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था जिससे उसमें मलबे के दूसरी ओर श्रमिक फंस गए.
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