Russian citizens leaving the country
सत्य खबर, नई दिल्ली
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के चार क्षेत्रों को रूस में विलय की घोषणा कर दी। इसके बाद अमेरिकासमेत अन्य देशों ने संयुक्त राष्ट्र में इसकी कड़ी निंदा की। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन के चार इलाकों में कब्जे को लेकर रूस की निंदा के प्रस्ताव पर वोटिंग भी हुई जिसको रूस ने वीटो कर दिया। दूसरी ओर पुतिन की एक और घोषणा की वजह से रूस के लोग लगातार देश छोड़ रहे हैं। पिछले एक हफ्ते के अंदर 2,00,000 से ज्यादा रूसी नागरिक देश छोड़ चुके हैं।Russian citizens leaving the country
रूस की तरफ से यूक्रेन में घुसकर हमला करने की नीति अब उल्टी पड़ती नजर आ रही है। दरअसल, बीते कुछ महीनों में ही यूक्रेन ने न सिर्फ कीव, खारकीव जैसे अपने अहम शहरों को रूसी हमलों से बचाया, बल्कि रूस को वापस लौटने पर मजबूर किया है। इतना ही नहीं इन इलाकों के बाद यूक्रेन ने रूस द्वारा कब्जाई गई जमीन को भी छुड़ाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। खारकीव, लायमन और खेरसन में यूक्रेनी सेना ने पलटवार कर अपनी करीब 6,000 वर्ग किलोमीटर की जमीन को छुड़ा लिया है। इन सबके बीच रूस ने यूक्रेन के चार बड़े क्षेत्रों में जनमत संग्रह कराने की बात कही। इस जनमत संग्रह के बाद पुतिन ने इन चारों क्षेत्रों को रूस में शामिल करने का एलान कर दिया।
पुतिन के एलान के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरस ने कहा कि रूस का चार प्रांतों का विलय संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है और इसका कोई कानूनी मूल्य नहीं है। उन्होंने इस कदम को खतरनाक बताया और कहा कि इसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, इससे शांति की संभावनाएं खतरे में पड़ेंगी। Russian citizens leaving the country
व्लादिमीर पुतिन का आदेश क्या है?
पुतिन ने आंशिक सैन्य संग्रहण यानी आम जनता से सैनिकों की भर्ती का एलान कर दिया। इसके तहत रूस में ही रिजर्व रखे गए 2.5 करोड़ सैन्य प्रशिक्षितों में से यूक्रेन में युद्ध के लिए 3,00,000 सैनिकों की टुकड़ी का गठन होना है।
इस आदेश के बाद रूस से क्यों भाग रहे लोग?
आम लोगों के बीच से सैन्य भर्ती करने का पुतिन का एलान रूस की जनता के बीच काफी नकारात्मक संदेश गया है। पुतिन ने अब तक इस तरह के फैसले को इसीलिए रोके रखा था। इस फैसले के बाद से रूस में कुछ जगहों पर प्रदर्शन भी हुए हैं। दरअसल, ज्यादातर शहरों में विरोध करने वालों में बुजुर्ग शामिल हैं, जो अपने युवा बच्चों को बिना मर्जी युद्ध में धकेले जाने पर सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि यह युद्ध रूसी राष्ट्रपति के जुनून का नतीजा है, लेकिन इसका असर आम जनता पर पड़ रहा है। खुद दो सबसे वरिष्ठ सांसद और पुतिन के करीबी नेताओं ने माना है कि सैन्य भर्ती के आदेश के बाद जनता के गुस्से में बढ़ोतरी हुई है।
रिपोर्ट्स और सैटेलाइट तस्वीरों की मानें तो इस वक्त रूस की सीमाओं पर बड़ी संख्या में लोग जुटे हैं। यह लोग देश छोड़कर भागने की कोशिश में हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन के एलान के बाद से 2,00,000 लोग देश छोड़कर भाग चुके हैं। रूस की सीमाएं 14 देशों से लगती हैं और सभी पर बड़ी संख्या में लोग जुटे हैं। हालांकि, सभी 14 देशों में कितने रूसी नागरिक भागकर पहुंचे हैं, इसका साफ डेटा मुहैया नहीं कराया गया है। Russian citizens leaving the country
अब तक जो वीडियो सामने आए हैं, उनसे पुष्टि होती है कि रूस से लगते देशों के चेकपॉइंट्स पर कारों की लंबी लाइनें लगी हैं। ज्यादातर लोगों की भीड़ मंगोलिया, कजाखस्तान, जॉर्जिया और फिनलैंड भागने की कोशिश में हैं। पश्चिमी मीडिया से की गई बातचीत में कुछ लोगों ने पुतिन की इन नीतियों को तानाशाही करार दिया है।
कहां-कहां भागे रूसी नागरिक?
रूस के सभी पड़ोसी देशों ने अब तक अपने यहां शरण के लिए आए रूसी नागरिकों की संख्या का खुलासा नहीं किया है। हालांकि, कजाखस्तान की सरकार का कहना है कि पिछले एक हफ्ते में उसके यहां 98,000 रूसी आ चुके हैं। इसके अलावा जॉर्जिया में 53,000 लोग पहुंचे हैं। यूरोपीय संघ के बॉर्डर एजेंसी फ्रंटेक्स के मुताबिक, पिछले एक हफ्ते में उसके यहां 66,000 रूसी नागरिक घुस चुके हैं। यानी इन्हीं तीन क्षेत्रों में दो लाख से ज्यादा रूसी शरण मांगने पहुंचे हैं। दूसरी तरफ चीन और उत्तर कोरिया जैसे रूस के पड़ोसियों ने रूसी नागरिकों को लेकर अब तक डेटा नहीं दिया है। लातविया से संचालित हो रहे रूसी अखबार नोवाया गजेटा के मुताबिक, रूस से एक हफ्ते में 2,61,000 लोग भाग चुके हैं। इस बीच एस्टोनिया, पोलैंड, लातविया और लिथुआनिया ने सीमाओं पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इसके अलावा फिनलैंड सरकार ने भी एंट्री पॉइंट्स को बंद करने की बात कही है।
रूस में आंतरिक स्थिति क्या है?
पुतिन के आदेश का असर रूस के अंदर भी देखा जा रहा है। यहां देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे लोगों को रोका जा रहा है। रूस के अंदरूनी उत्तरी ओसेशिया गणतंत्र में बुधवार को ही रूस के बाकी क्षेत्रों से आने वाली कारों को रोक दिया गया। ओसेशिया के गवर्नर के मुताबिक, यह प्रतिबंध दो दिन में 20,000 लोगों के सीमा पार जाने की वजह से लगाया गया है। Russian citizens leaving the country
उधर रूस की जमीन पर भी लोग पुतिन के फैसले के खिलाफ उतर आए हैं। साइबेरिया के उस्त इलिम्स्क में सैन्य भर्ती के दौरान ही एक व्यक्ति ने कमांडर को करीब जाकर गोली मार दी। रूसी मीडिया के मुताबिक, हमलावर कह रहा था कि कोई भी व्यक्ति लड़ाई के लिए नहीं जाएगा। हम अपने घर जाएंगे। दूसरी तरफ रूस के दक्षिण में स्थित दागेस्तान में रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ प्रदर्शन जारी हैं। यहां 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।
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