सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – नगर की पुरानी अनाज मंडी में गुरू रविदास सभा द्वारा संत रविदास जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता सभा के अध्यक्ष गुरचरण दास ने की। इस मौके पर प्रात: हवन किया गया और शब्द-कीर्तन आयोजित किए गए। आर्य समाज के पुरोहित पंडित वाशुमित्र के सानिध्य में आयोजित हवन में श्रद्धालुओं ने आहुति डाली। इस मौके पर समाज के लोगों ने गुरू रविदास प्रतीमा पर पुष्पांजलि अर्पित करके उनको नमन किया गया। अपने संबोधन में गुरचरण दास ने कहा कि वास्तविक धर्म को बचाने के लिए ही संत गुरू रविदास महाराज का अवतार हुआ था। अगर गुरू रविदास महाराज का अवतार नहीं होता तो वर्तमान विकासशील देश की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।
रंग, जाति, धर्म व सामाजिक मान्यताओं में भेदभाव किया जाता था लेकिन गुरू रविदास का मानना था कि इंसान जाति ओर धर्म से नहीं जाना जाता बल्कि इंसान तो कर्मों से पहचाना जाता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक इंसान को गुरू रविदास महाराज के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन का सफल बनाने का प्रयास करना चाहिए। संत रविदास एक समाज के न होकर पूरी मानवता के गुरु थे और उनकी शिक्षाएं समाज के लिए प्रासंगिक हैं। कार्यक्रम के उपरांत विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें सैंकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
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