सत्य खबर, चंडीगढ़
serious allegations on khattar government
हरियाणा प्रदेश के 88 शहरों (11 मुनिसिपल कॉर्पोरेशन, 23 मुनिसिपल काउंसिल, व 54 मुनिसिपल कमिटी) में 1 करोड़ से अधिक हरियाणवी अपनी प्रॉपर्टी आईडी सही कराने के लिए महीनों से दलालों के हाथ लुट-पिट रहे हैं। 88 शहरों के 1 करोड़ से अधिक नागरिकों की जिंदगी बिचौलियों, दलालों, और सरकारी अधिकारियों की रिश्वतखोरी की भेंट चढ़ गई है। नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं में लोगों से हो रही खुली लूट व भ्रष्टाचार का आलम यह है कि खुद शहरी स्थानीय निकाय विभाग भी बेतहाशा रिश्वतखोरी व लूट-खसूट की बात को अपने औपचारिक पत्राचार में स्वीकार चुका है।
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हरियाणा की जनता भाजपा-जजपा सरकार को पानी पी-पीकर कोस रही है, धिक्कार रही है, दर-दर की ठोकरें खा रही है, पर न कोई सुनने वाला, और न कोई राहत देने वाला। श्री मनोहर लाल खट्टर व श्री दुष्यंत चौटाला अब रोम के शासक ‘‘नीरो की भूमिका’’ में हैं, जैसे कि ‘‘जब रोम जल रहा था, तो नीरो बाँसुरी बजा रहा था’’। अंतर केवल इतना है कि आज के हरियाणा के नीरो की ये जोड़ी हैलीकॉप्टर की सवारी कर रही है, और लोग सड़कों पर छाती पीट रहे हैं।
[I] प्रॉपर्टी आईडी की लूट-खसूट में भटकते लोगों की समस्याएं देखिएः
(i) दलालों व कर्मचारियों ने ‘वैध कॉलोनी’ को ‘अवैध कॉलोनी’ में डाल दिया, तथा ‘अवैध कॉलोनी’ को ‘वैध कॉलोनी’ में डाल दिया।
(ii) अधिकतर प्रॉपर्टी की मल्कियत मालिक की बजाय किसी और के नाम चढ़ा दी। कई जगह किराएदारों को मालिक दिखा दिया।
(iii) कई-कई मकानों की एक प्रॉपर्टी आईडी बना दी। अब मकान मालिक आपस में उलझते घूम रहे हैं।
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