सत्य खबर । चंडीगढ़
हरियाणा के सर्व कर्मचारी संघ ने 26 नवंबर को हड़ताल करने की घोषणा की है। इस पर प्रदेश सरकार ने भी सख्त रवैया अपना लिया है। प्रदेश सचिव ने एक सर्कुलर जारी कर दिया है।
जिसमें कहा गया है कि सभी विभाग 26 नवंबर को कर्मचारियों की हाजिरी सुनिश्चित करें। विभाग अध्यक्षों को 12 बजे और 4 बजे, दो बार हाजिरी रिपोर्ट पेश करनी होगी। लोगों के रोजमर्रा के काम प्रभावित न हों, इसकी व्यवस्था करने को भी कहा गया है।
बता दें कि हड़ताल के लिए संघ सदस्यों ने कमर कस कली है। केंद्रीय कमेटी के वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में गठित सात टीमें फील्ड में उतर चुकी हैं। ये टीमें कर्मचारियों को हड़ताल में शामिल होने के लिए प्रेरित करेंगी।
यह जानकारी सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष लांबा ने दी। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांगें काफी समय से लंबित हैं। सरकार उनकी तरफ ध्यान नहीं दे रही, इसलिए कर्मचारियों में रोष है।
ये हैं कर्मचारियों की मांगें
पुरानी पेंशन बहाल की जाए।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति वापस ली जाए।
नियमितीकरण की नीति बनाई जाए।
डीए और एलटीसी पर लगाई रोक हटाई जाए।
जनतांत्रिक अधिकारों को बहाल किया जाए।
कैशलेस मेडिकल सुविधा प्रदान की जाए।
बैकलॉग को विशेष भर्ती करके पूरा किया जाए।
पंजाब के समान वेतनमान व पेंशन दी जाए।
प्री-मेच्योर रिटायरमेंट आदेश वापस लिए जाएं।
श्रम कानूनों में किए गए बदलाव पर रोक लगाई जाए।
सरकारी विभागों के निजीकरण पर रोक लगाई जाए।
एक्सग्रेसिया रोजगार नीति में लगाई गई शर्तों को हटाया जाए।
नई भर्तियों में पांच अंक की कटौती का आदेश वापस लिया जाए।
नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों की सेवाएं बहाल की जाए।
पहले से नौकरी में लगे कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
नियमित होने तक समान काम के लिए समान वेतन दिया जाए।
वर्कलोड व जनसंख्या के आधार नए पद सृजित कर नियमित भर्ती की जाए।
ऑनलाइन ट्रांसफर नीति में आवश्यकता एवं सुझावों के मुताबिक संशोधन किया जाए।
डीसी रेट व अनुबंध पर लगे पार्ट टाइम, आउटसोर्स कर्मचारियों को सेवा सुरक्षा प्रदान की जाए।
एसीपी, प्रमोशन और इन्क्रीमेंट को कुशलता के आधार पर तय करने का प्रस्ताव वापस लिया जाए।
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