सत्य ख़बर, गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज –
विवादित आसाराम के साथ एक कार्यक्रम में एक नाबालिक की वीडियो को तोड़-मरोडकर चैनलों पर प्रसारित करने के मामले की सूनवाई जिला एवं सत्र न्यायाधीश शशि चौहान की अदालत में चल रही है। इस मामले की जांच करने के लिए बनाई गई एसआईटी के 2 पुलिस अधिकारियों के बयान अदालत ने दर्ज हुए। एक गवाह से आरोपियों के अधिवक्ता ने अपने क्लाइंट का बचाव करते हुए क्रॉस सवाल भी पुछे । अदालत ने गवाही के लिए अगली तारीख 16 अप्रैल लगाई है । इस मामले की पैरवी कर रही सामाजिक संस्था जनजागरण मंच के अध्यक्ष हरी शंकर कुमार व वरिष्ठ अधिवक्ता धर्मेंद्र मिश्रा से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मामले में अब गवाहियां शुरु हो चुकी हैं। एसआईटी के पुलिस इंस्पेक्टर और एसीपी के बयान अदालत में दर्ज हुए। अदालत ने अगली सुनवाई पर पुलिस के अन्य गवाहों को गवाही के लिए बुलाया गया है। अधिवक्ता का कहना है कि इस मामले से संबंधित जो जीरो एफआईआर दर्ज की गई थी, उसकी मूल प्रति दस्तावेजों के साथ नहीं है। अधिवक्ता ने अदालत से आग्रह किया है कि शिकायत की मूल प्रति उपलब्ध कराई जाए, लेकिन मूल प्रति उपलब्ध नहीं हो रही है। अधिवक्ता ने अदालत से आग्रह किया है कि इस मामले में वह कानूनी कार्यवाही भी करेंगे। अदालत ने भी पुलिस को आदेश दिए हैं कि शिकायत की मूल प्रति उपलब्ध कराई जाए। सभी आरोपियों को अगली 16 अप्रैल को अदालत में पेश होने के आदेश भी दिए हैं।
बता दें कि वर्ष 2013 की 2 जुलाई को पालम विहार क्षेत्र के निवासी सतबीर नामक व्यक्ति (काल्पनिक नाम) के घर संत आसाराम बापू आए थे। बापू ने परिवार के सदस्यों सहित उनकी 10 वर्षीय भतीजी को भी आशीर्वाद दिया था। उस समय सतबीर के घर में हुए कार्यक्रम की वीडियो भी बनाई गई थी। जब विवादित आसाराम प्रकरण के बाद टीवी चैनलों ने बनाई गई वीडियो को प्रसारित किया था। परिजनों ने आरोप लगाए थे कि उनकी व आसाराम की छवि धूमिल करने के लिए वीडियो को तोड़-मरोडकऱ, अश्लील व अभद्र तरीके से प्रसारित किया गया था। जिससे परिवार व मासूम बालिका को मानसिक व सामाजिक रुप से काफी कष्ट झेलना पड़ा था। आहत होकर परिजनों ने स्थानीय पुलिस थाना पालम विहार में शिकायत भी कई थी। इस मामले की पैरवी सामाजिक संस्था जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरी शंकर कुमार व उनकी टीम तभी से करती आ रही है। जिसमें देश के जाने-माने टी वी चैनलों के एंकर्स व पत्रकार पर भी आरोप लगे हैं। जिनमें से कुछ अभी भी इस मामले में अदालत के चक्कर काट रहे हैं। वहीं यह मामला उन दिनों काफी सुर्खियों में रहा था।