सत्य खबर, नई दिल्ली ।
हरतालिका तीज का व्रत शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन रखा जाता है। सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए इस व्रत को रखती हैं। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की उपासना करने से लाभ मिलता है। कहा जाता है कि भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने सबसे पहले इस व्रत को किया था। हरतालिका तीज से पहले हरियाली तीज आती है। इन दोनों के बीत पूरे एक महीने का अंतर होता है। आइए जानते हैं हरतालिका तीज और हरियाली तीज की तारीख मुहूर्त और महत्व।
कब है हरतालिका और हरियाली तीज
इस बार हरियाली तीज का व्रत 19 अगस्त को रखा जाएगाऔर ठीक इससे एक महीना बाद हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा।
हरतालिका तीज का महत्व
भाद्रपद शुक्ल तीज को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती है। जबकि कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को रखती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति रूप में पाने के लिए इस व्रत को किया था। देवी पार्वती की घोर तपस्या देखकर भगवान शिव उनके सामने आए और उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इसके बाद से ही अविवाहित महिलाएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को करती है जबकि विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए यह व्रत करती हैं।This day is Hariyali Teej and Haritalika Teej.
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