नई दिल्ली, एएनआई। Today is the 73rd anniversary of the Supreme Court of India
सिंगापुर के मुख्य न्यायाधीश सुंदरेश मेनन ने शनिवार को भारत के सर्वोच्च न्यायालय की 73वीं वर्षगांठ के समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे। उन्होंने इस मौके पर “बदलती दुनिया में न्यायपालिका की भूमिका” पर एक व्याख्यान दिया और कहा कि यह केसलोड के कारण दुनिया की सबसे व्यस्त अदालत है।
न्याय के लिए आधुनिकीकरण की जरूरत व्याख्यान देते हुए, मुख्य न्यायाधीश मेनन ने कहा कि हमें सहजता से न्याय देने के लिए आधुनिकीकरण करना चाहिए क्योंकि दुनिया बहुत बदल गई है। उन्होंने कहा कि जब न्यायपालिका अच्छी तरह से काम करती है तो यह सभी को एकजुट करने में गोंद का काम करती हैं। न्यायमूर्ति मेनन ने उन विभिन्न चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला, जिनका दुनिया भर की न्यायिक प्रणाली सामना कर रही है या भविष्य में सामना करेगी।
उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों को सार्वजनिक संचार का सम्मान करना चाहिए क्योंकि यह सामाजिक और आर्थिक संरचनाओं को लिखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ट्वीट कर दी जानकारी
एक ट्वीट में, भारत में सिंगापुर के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट ने लिखा, “सिंगापुर के मुख्य न्यायाधीश सुंदरेश मेनन @SingaporeCourts ने भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु @RashtrapatiBhvn से पहले मुलाकात की थी, जहां उन्होंने सभी के लिए सुलभ न्याय सुनिश्चित करने पर विचारों का आदान-प्रदान किया था।”
सीजेआई की अध्यक्षता वाली कार्यवाही में हुए थे शामिल
सिंगापुर के मुख्य न्यायाधीश सुंदरेश मेनन ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की और सभी के लिए सुलभ न्याय सुनिश्चित करने पर विचारों का आदान-प्रदान किया। राष्ट्रपति और सिंगापुर के मुख्य न्यायाधीश ने सभी के लिए सुलभ न्याय सुनिश्चित करने में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर चर्चा की। विशेष रूप से, न्यायमूर्ति मेनन ने उस दिन की शुरुआत में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ की कार्यवाही में भाग लिया था।
2012 में चुने गए थे मुख्य न्यायाधीश
6 नवंबर 2012 को, मुख्य न्यायाधीश सुंदरेश मेनन को सिंगापुर में सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। वह सिंगापुर के पहले मुख्य न्यायाधीश हैं। मुख्य न्यायाधीश मेनन ने 1986 में सिंगापुर के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक और 1991 में हार्वर्ड लॉ स्कूल से मास्टर ऑफ लॉ किया है। Today is the 73rd anniversary of the Supreme Court of India
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