सत्य खबर, नई दिल्ली ।Tomatoes will be cheap from this day; the government has prepared this plan.
जल्द ही टमाटर की कीमतें कम हो सकती है. इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार ने सुपर प्लान तैयार कर लिया है. सरकार ने अपने इस प्लान में नेशनल एग्रीकल्चारल कॉरपोरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन यानी नेफेड और नेशनल कॉरपोरेटिव कंज्यूमर फोरम यानी एवसीसीएफ को भी शामिल कर दिया है. दोनों संगठनों को सरकार की ओर से आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र की मंडियों से टमाटर खरीदने और उन्हें उन प्रमुख कंज्यूमर सेंटर्स में डिस्ट्रीब्यूट करने का निर्देश दिया है, जहां रिटेल सेल ज्यादा होती है. कंल्यूमर मामलों के डिपार्टमेंट ने बयान में कहा कि पिछले एक महीने में कीमतों में सबसे अधिक वृद्धि देखने को मिली है.14 जुलाई तक दिल्ली-एनसीआर एरिया में कंज्यूमर्स को सस्ती दरों पर रिटेल दुकानों के माध्यम से टमाटर डिस्ट्रीब्यूट किए जाएंगे.
सरकार के अपने आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक महीने में टमाटर की कीमतें 326.13 फीसदी बढ़ी हैं. हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में लगातार बारिश के कारण स्थिति खराब हो गई है, जो राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में रसोई के प्रमुख सामान और अन्य सब्जियों का प्राइमरी स्पलायर है. टमाटर उन क्षेत्रों में डिस्ट्रीब्यूट किए जाएंगे जहां पिछले एक महीने में खुदरा कीमतें ऑल इंडिया एवरेज से ऊपर हैं.
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इन महीनों में सबसे ज्यादा होती है कटाई
भारत में टमाटर का उत्पादन अलग-अलग मात्रा में लगभग सभी राज्यों में होता है. सबसे ज्यादा प्रोडक्शन भारत के दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में होता है, जिनका कुल प्रोडक्शन में योगदान 56 फीसदी से 58 फीसदी के आसपाास है. दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्र में सरप्लस प्रोडक्शन की वजह से प्रोडक्शन सीजन के बेस पर देश के दूसरे बाजारों में सप्लाई करते हैं. विभिन्न क्षेत्रों में प्रोडक्शन सीजन भी अलग-अलग होते हैं. सबसे ज्यादा टमाटर की कटाई दिसंबर से फरवरी तक होती है. विभाग ने एक बयान में कहा कि जुलाई-अगस्त और अक्टूबर-नवंबर के दौरान टमाटर का प्रोडक्शन कम होता है. विभाग ने अपने बयान में कहा कि जुलाई के महीने में मानसून के मौसम के कारण टमाटर की कीमतें काफी ज्यादा देखने को मिलती है, जो डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क बाधा पैदा करती है और ट्रांजिट लॉस में इजाफा करती है.
जल्द शुरू हो जाएगी एक्स्ट्रा स्पलाई
वर्तमान में, गुजरात, मध्य प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों के बाजारों में आपूर्ति ज्यादातर महाराष्ट्र विशेषकर सतारा, नारायणगांव और नासिक से होती है, जो इस महीने के अंत तक रहने की उम्मीद है. आंध्र प्रदेश के मदनपल्ले (चित्तूर) में भी उचित मात्रा में आवक जारी है. दिल्ली-एनसीआर में आवक मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश से होती है और कुछ मात्रा कर्नाटक के कोलार से आती है. नासिक जिले से जल्द ही नई फसल की आवक होने की उम्मीद है. इसके अलावा, अगस्त में नारायणगांव और औरंगाबाद बेल्ट से एक्स्ट्रा सप्लाई की उम्मीद है. मध्य प्रदेश से भी आवक शुरू होने की उम्मीद है.
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