Trouble arose for UK PM Rishi Sunak
सत्य खबर , नई दिल्ली। बहुत ज्यादा दिन नहीं हुए. इसी साल मार्च-अप्रैल की ही बात है. तब भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन की बोरिस जॉनसन सरकार में वित्त मंत्री हुआ करते थे. इकॉनमी पर कोरोना महामारी की जो मार पड़ी थी, ब्रिटेन उससे पूरी तरह उबर नहीं पाया था. वित्त मंत्री रहे सुनक ने टैक्स वृद्धि की थी. प्रमुख विपक्षी पार्टी लेबर ने सुनक पर आरोप लगाया था कि एक ओर वो ब्रिटेन के लाखों लोगों पर टैक्स लगा और बढ़ा रहे हैं, दूसरी ओर पत्नी अक्षता मूर्ति का टैक्स बचा रहे हैं.Trouble arose for UK PM Rishi Sunak
फिर पीएम पद की पहली रेस जब शुरू हुई तो सुनक पिछड़ गए. कहीं न कहीं टैक्स वाले मसले का भी असर रहा. हालांकि सुनक ने सफाई दी और कहा कि पत्नी की टैक्स स्टेटस के बारे में वो काफी पहले सरकार को बता चुके हैं और नियमानुसार वाजिब टैक्स भर रहे हैं. अक्टूबर में तत्कालीन लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद पीएम पद की दूसरी रेस शुरू हुई तो सुनक कामयाब हुए और पीएम बने.
अब एक बार फिर से टैक्स बढ़ोतरी के फैसले पर ही घिरते नजर आ रहे हैं. नौकरीपेशा वर्ग उनके फैसलों से परेशान है और ब्रिटेन में उनकी लोकप्रियता भी पहले से कम होती जा रही है. ऐसा क्यों हो रहा है, आइए समझने की कोशिश करते हैं.
3 दशक की सबसे बड़ी हड़ताल
ब्रिटेन में क्रिसमस के जश्न को लेकर माहौल होना चाहिए था, लेकिन यहां सबसे बड़ी हड़ताल की तैयारी हो रही है. दो लाख से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर जाने वाले हैं. इसमें रेलवे, बस सेवा, हवाई सेवा, एंबुलेंस, मेडिकल आदि डिपार्टमेंट्स के कर्मी शामिल हैं. क्रिसमस के दौरान होनेवाली इस हड़ताल से टूरिज्म सेक्टर खासा प्रभावित होने वाला है, क्योंकि इस दौरान बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक ब्रिटेन पहुंचते हैं. परिवहन सेवाएं डिस्टर्ब रहने की आशंका को लेकर टूरिज्म काफी हद तक प्रभावित होगा.
ब्रिटेन में हड़तालों का महीना
इस साल दिसंबर का महीना ब्रिटेन में स्ट्राइक मंथ हो गया है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन में हड़ताल 7 दिसंबर से ही शुरू हो गई है, जब शिक्षकों ने सैलरी और पेंशन बढ़ाने की मांग पर काम बंद कर दिया. 13 से 17 दिसंबर तक 40 हजार रेलकर्मी हड़ताल पर रहेंगे. इससे 50 फीसदी रेलवे सेवाएं प्रभावित होंगी. 15 और 20 दिसंबर को नर्सें हड़ताल पर रहेंगी. 23 से 26 दिसंबर तक और फिर 28 और 31 दिसंबर को एयरपोर्ट स्टाफ कुछ हद तक हड़ताल करेंगे. 21 और 28 दिसंबर को एंबुलेंस कर्मी हड़ताल पर रहेंगे.
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टैक्स वृद्धि से दिक्कत, वेतन बढ़ाने की मांग
ब्रिटेन में दो महीने पहले अक्टूबर में क्रिमिनल लॉयर्स ने वेतन वृद्धि के लिए हड़ताल की थी और उनकी सैलरी 15 फीसदी बढ़ा दी गई. ऐसे में पब्लिक सर्विस से जुड़े अन्य कर्मी भी प्रेरित हुए. ब्रिटेन में टैक्स दरें बढ़ती जा रही हैं. पीएम सुनक मानते हैं कि ये फैसला सही है. यह स्थिति तब है, जब ब्रिटेन में महंगाई दर 11 फीसदी पार कर गई है.
लोगों की दिक्कत ये है कि पहले से ही टैक्स दरें ज्यादा है और अगर वेतन कम है तो इतना टैक्स कैसे दें. सभी वेतन वृद्धि चाहते हैं. परिवहन सेवाओं से जुड़े कर्मियों की भी यही मांग है. एंबुलेंस कर्मियों की भी मांग है कि उनका वेतन बढ़ाया जाए. 1989 वाली हड़ताल में भी इनकी यही मांगें थीं.
…तो फिर सरकार कर क्या रही है?
टैक्स बढ़ोतरी को पीएम ऋषि सुनक देश के लिए जरूरी मानते हैं. इस पर वो फिलहाल कुछ करने नहीं वाले. हड़ताल से आम लोगों को परेशानी न हो, इसके लिए उन्होंने संसद में एक बिल पेश किया है. इसके अनुसार, हड़ताल के दौरान भी न्यूनतम और जरूरी सेवाएं जारी रखने का प्रावधान है. यानी सारे कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकेंगे. जैसे कि नर्सिंग स्टाफ्स की हड़ताल के दौरान आपातकालीन सेवाएं जारी रखने का प्रावधान है.Trouble arose for UK PM Rishi Sunak
ब्रिटेन सरकार ने एयरपोर्ट और बंदरगाहों पर काम के लिए सेना को तैनात करने का फैसला लिया है. पीएम सुनक ने कहा है कि यूनियन के नेताओं ने कुछ गलत किया तो सरकार सख्ती बरतने के लिए मजबूर होगी. उन्होंने चेतावनी दी है कि आम लोगों को दिक्कतें न हों, उनकी जान पर खतरा न हो. नहीं तो सरकार कानूनी कार्रवाई करेगी
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