सत्य खबर, नई दिल्ली।
uproar regarding selection in sports
सितंबर-अक्टूबर में खेले जाने वाले एशियन गेम्स के लिए कुश्ती के ट्रायल्स होने हैं. लेकिन इस समय भारतीय कुश्ती महासंघ का कामकाज देख रही एडहॉक समिति ने कुछ दिन पहले कहा था कि विनेश और बजरंग को ट्रायल्स में छूट दी जाएगी और वह सीधे एशियन गेम्स में खेलेंगे. भारतीय खेलों में ये हालांकि पहली बार नहीं हुआ है कि कुछ चुनिंदा खिलाड़ियों को ट्रायल्स में से छूट दी जाए और फिर इसे लेकर बवाल मचे. ये इतिहास पुराना है.
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ताजा मामला कहां तक पहुंचा
अतीत में जाने से पहले ये जान लेते हैं कि रेसलिंग ट्रायल्स को लेकर जो ताजा मामला वो कहां तक पहुंचा. एडहॉक समिति ने जो फैसला लिया इसके बाद बाकी पहलवानों की निराशा सामने आई. महिला पहलवान अंतिम पंघाल ने इसे लेकर मुखर रूप से अपना विरोध दर्ज कराया. विनेश की कैटेगरी 53 किलोग्राम में खेलने वाली अंतिम ने कहा कि विनेश को स्पेशल एंट्री क्यों? इसे लेकर उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया. इस पर बीते गुरुवार सुनवाई हुई और कोर्ट ने एडहॉक समिति से बजरंग और विनेश को ट्रायल्स में छूट दिए जाने पर जवाब मांगा.
निकहत-मैरी कॉम मामले ने पकड़ा तूल
टोक्यो ओलिंपिक से पहले बॉक्सिंग में भी इस तरह का विवाद देखा गया था. ओलिंपिक पदक विजेता 2019 में विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतकर लौटी थीं. इसके बाद भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने मैरी कॉम को बिना ट्रायल्स के ओलिंपिक भेजने का फैसला किया था. इस बात से निकहत जरीन नाराज हुईं थीं और उन्होंने इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाई थी. मैरी कॉम इस बीच निकहत जरीन के अस्तित्व पर ही सवाल खड़े कर दिए थे और एक इंटरव्यू में कहा था कि ‘कौन निकहत जरीन?’
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