सत्य खबर, चंडीगढ़ ।Villagers brought the accused of Nuhu violence to the police station by holding their ears
हरियाणा के नूंह जिले में हुई हिंसा के मामलों में संलिप्त आरोपियों को ग्रामीणों ने पकड़ कर पुलिस के हवाले कर एक अनूठी पहल की है. जिला उपायुक्त तथा पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया लगातार दोनों समुदायों के लोगों के साथ बैठकर लोगों से अपील करते आ रहे हैं कि हिंसा में जो भी दोषी हैं उनको पुलिस के हवाले कर दिया जाए, अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो पुलिस अपने तरीके से कार्रवाई करेगी. प्रशासन की इसी अपील का असर है जो सिंगार निवासी हिंसा में शामिल पांच आरोपियों को ग्रामीणों ने बिछौर पुलिस के हवाले किया.
नूंह में गत 31 जुलाई को भड़की हिंसा के बाद उपद्रवियों द्वारा पुन्हाना उपमंडल के गांव सिंगार के महादेव मंदिर पर आगजनी व तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया था. जिस मामले में बिछौर थाना पुलिस ने सैकड़ों लोगों पर मामला दर्ज कर सीसीटीवी फुटेज व खुफिया सूत्रों से जानकारी जुटाकर आरोपियों की पहचान की थी. पुलिस तभी से आरोपियों की धरपकड़ के लिए लगातार सर्च ऑपरेशन चलाकर उनके यहां दबिश दे रही है. इसके साथ ही दोनों समुदायों के बीच बैठकर लोगों से शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ हिंसा में दोषी आरोपियों को पकड़वाने की अपील कर रही है.
इन आरोपियों को किया गया पुलिस के हवाले
पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया सहित जिला उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा अब तक 262 गांवों के गणमान्य लोगों के साथ उपमंडल स्तर पर बैठक कर चुके हैं. आरोपियों को पेश करने वालों में गांव सिंगार निवासी पूर्व सरपंच हनीफ, अल्ताफ, इब्राहिम चौधरी, तैय्यब पूर्व चेयरमैन, साकित सहित अन्य ग्रामीण हैं. पुलिस को सौंपे गए आरोपियों में जुबेर पुत्र हारून, सलमान पुत्र आसीन, अंसार पुत्र इदरीश, रफीक पुत्र हसन मोहम्मद, अबू बकर पुत्र तैयब के रूप में हुई है.
सिंगार के ग्रामीणों द्वारा की गई इस पहल की पूरे जिले में चर्चा हो रही है. बाकी लोग भी अब ऐसे आरोपियों को पुलिस को सौंप प्रशासन की मदद करने का मन बना चुके हैं.
SP दंगाइयों को दे चुके हैं खुली चेतावनी
नूंह हिंसा में शामिल उपद्रवियों को नूंह एसपी नरेंद्र बिजारणिया चेतावनी भी दे चुके हैं. सरपंचों और क्षेत्र के वरिष्ठ लोगों के साथ हुई बैठक में कहा है कि आपको पता है दोषी कौन है. इनको कान पकड़कर ले आओ. वरना वह लाएंगे तो अपने तरीके से लाएंगे और लाना उन्हें आता है. लोगों से कहा कि वह अरेस्ट करने के लिए किसी से रिक्वेस्ट नहीं करते, इसलिए उन्हें खुद ही सरेंडर कर देना चाहिए.
बिजारणिया ने कहा था कि गांव के सभी लोगों को पता है कि कौन-कौन लड़के बाहर गए थे. जिम्मेदार लोग बैठे हैं उनको सबको पता है कि कौन-कौन से गांव के लड़के थे, कान पकड़कर ले आओ. वह लाएंगे अपनी मर्जी से तो एक को भी नहीं छोड़ेंगे. अब आप इसे चाहे चेतावनी समझें या अपील .
जो भी हिंसा मामले में आरोपी हैं, चाहे वह किसी भी समुदाय से हो पुलिस को सौंपे. पूछताछ के बाद जो निर्दोष होगा उसे तुरंत प्रभाव से छोड़ दिया जाएगा. सिर्फ दोषियों के खिलाफ ही कार्रवाई होगी. छुपने व भागने वालों को वह छोड़ने वाले नहीं हैं. चाहे वह पहाड़ की कंदराओं में छुपे हों या जमीन के अंदर एक को भी नहीं छोड़ेंगे.
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