Wine is offered to Mata Rani
सत्य खबर, नई दिल्ली
आज से शारदीय नवरात्रि 2022 की शुरुआत हो चुकी है। नौ दिनों तक माता के नौ रूपों की उपासना की जाएगी। देश भर के देवी मंदिरों में भक्तों का जमावड़ा लगेगा। इस पावन पर्व पर श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए मंदिर में जाएंगे और तरह-तरह के भोग लगाएंगे लेकिन कभी आपने शराब का भोग सुना है। हम आज आपको बता रहे हैं राजस्थान के एक ऐसे देवी मंदिर के बारे में, जहां माता को ढाई प्याला शराब चढ़ाई जाती है। जानिए माता को शराब अर्पित करने की वजह और कहां स्थित है यह अद्भुत देवी मंदिर।Wine is offered to Mata Rani
राजस्थान के नागौर जिले में मां भंवाल काली माता का मंदिर स्थित है। दूसरे देवी मंदिरों में माता को भोग में लड्डू, पेड़े, हलवा चना और नारियल आदि का भोग लगता है लेकिन भंवाल काली माता मंदिर में भक्त देवी को शराब को भोग लगाते हैं। मान्यता है कि यहां माता ढाई प्याला शराब ही ग्रहण करती हैं। इसके बाद बचे हुए प्याले की शराब को भैरव पर चढ़ाया जाता है।Wine is offered to Mata Rani
डाकुओं ने कराया था मंदिर का निर्माण
मंदिर निर्माण की बात करें तो इस मंदिर का निर्माण डाकूओं ने करवाया था। मंदिर के शिलालेख से पता चलता है कि मंदिर का निर्माण विक्रम संवत् 1380 को हुआ था। मंदिर के चारों और देवी-देवताओं की सुंदर प्रतिमाएं और कारीगरी की गई है। मंदिर के ऊपरी भाग में एक गुप्त कक्ष भी बनाया गया था, जिसे गुफा कहा गया था।
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खेजड़ी के पेड़ के नीचे प्रकट हुई थीं
स्थानीय लोग बताते हैं कि भुंवाल माता एक खेजड़ी के पेड़ के नीचे पृथ्वी से स्वयं प्रकट हुई थीं। इस स्थान पर डाकुओं के एक दल को राजा की फौज ने घेर लिया था। मृत्यु को निकट देखकर डाकुओं ने मां दुर्गा को याद किया। मां ने अपनी शक्ति से डाकूओं को भेड़-बकरी के झुंड में बदल दिया। इस प्रकार डाकूओं के प्राण बच गए। इसके बाद डाकुओं ने मां के मंदिर का निर्माण करवाया।
चांदी के प्याले में शराब रख लगाते हैं भोग
श्रद्धालुओं ने बताया कि वे मंदिर में मदिरा लेकर आते हैं। फिर पुजारी चांदी के ढाई प्याले में भरते हैं। इसके बाद पुजारी देवी के होठों तक प्याला लगाते हैं। मदिरा का भोग लगाते समय माता को देखना वर्जित है। प्याले में एक बूंद भी बाकी नहीं रहती।Wine is offered to Mata Rani
मदिरा चढ़ाने का भी है नियम
यहां माता को मदिरा चढ़ाने का एक नियम भी है। श्रद्धालु ने जितना प्रसाद चढ़ाने की मन्नत मांगी है, मां को उतने ही मूल्य का प्रसाद चढ़ाना होता है। चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से जो भी मुराद मांगो, मात जरुर पूरी करती हैं।
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