सत्य खबर / नई दिल्ली:
अगले महीने संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है. तय कार्यक्रम के मुताबिक, सत्र 4 दिसंबर से शुरू होगा और 22 दिसंबर तक चलेगा. 19 दिनों के इस सत्र में कुल 15 बैठकें होंगी. यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी शीतकालीन सत्र होने जा रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि केंद्र सरकार अगले साल आम चुनाव में जाने से पहले कई अहम बिल संसद से पास करा सकती है. केंद्र सरकार ने सत्र शुरू होने से दो दिन पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई है.
also read: सीट शेयरिंग को लेकर क्यों पलट गए देवेंद्र फडणवीस ? सामने आई यह वजह
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 2 दिसंबर को सुबह 11 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है. आमतौर पर ऐसी बैठकें सत्र शुरू होने से एक दिन पहले बुलाई जाती हैं. लेकिन इस बार इसे दो दिन पहले ही बुलाया गया. इसके पीछे का कारण तीन दिसंबर को पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के लिए होने वाली मतगणना को माना जा रहा है। चार दिसंबर से शुरू होने वाला संसद सत्र काफी हंगामेदार रहने की संभावना है।
ये बिल पेश किए जाएंगे
भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में संशोधन के लिए तीन प्रमुख विधेयक शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में पेश किए जाने की संभावना है क्योंकि गृह मामलों की स्थायी समिति ने हाल ही में तीन रिपोर्टें अपनाई हैं। संसद में पारित होने वाला एक और प्रमुख विधेयक मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित है।
हालाँकि इसे मानसून सत्र के दौरान पेश किया गया था, लेकिन विपक्ष के कड़े विरोध और पूर्व चुनाव आयुक्तों की चिंताओं के कारण केंद्र सरकार इसे संसद के विशेष सत्र में पारित करने से पीछे हट गई थी। विधेयक के पारित होने से सरकार का लक्ष्य मुख्य चुनाव आयुक्तों और चुनाव आयुक्तों का दर्जा कैबिनेट सचिव के बराबर करना है। फिलहाल उन्हें सुप्रीम कोर्ट के जज का दर्जा हासिल है.
महुआ कांड को लेकर हो सकता है बड़ा हंगामा
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों के अगले दिन शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं. इस सत्र में कैश फॉर क्वेरी को लेकर एथिक्स कमेटी द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट भी लोकसभा में पेश की जाएगी. जिसमें टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है. विपक्ष पहले दिन से ही महुआ के बचाव में खड़ा है.
इस मुद्दे पर अब तक चुप्पी साधे रहीं बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी अपनी पार्टी के सांसद का खुलकर समर्थन किया है. उन्होंने यह भी कहा कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन वह टीएमसी सांसदों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगेंगे. अगर उन्हें अनुमति नहीं मिली तो वे वहीं धरना देंगे. इस पर भारत गठबंधन में शामिल ममता बनर्जी को कांग्रेस समेत अन्य बड़े विपक्षी दलों का समर्थन मिल सकता है.