सत्यखबर, नई दिल्ली। Yogeshwar Dutt lashes out at Vinesh, Bajrang and Sakshi
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट समेत 6 पहलवानों को ट्रायल में छूट दी गई है। इन पहलवानों को छूट देने पर ओलिंपिक मेडलिस्ट योगेश्वर दत्त भड़क गए हैं। उन्होंने कहा कि क्या धरना देने वाले खिलाड़ियों का यही मकसद था? कुश्ती के लिए यह काला दिन है। इसके साथ इंडिया के पूर्व कोच कृपा शंकर ने भी इस फैसले का विरोध किया है।
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दरअसल, भारतीय ओलिंपिक संघ के एडहॉक पैनल ने 6 आंदोलनकारी पहलवानों के लिए आगामी एशियाई खेलों और विश्व चैंपियनशिप की चयन प्रक्रिया को सिर्फ एक मुकाबले की प्रतियोगिता कर दिया है. इन पहलवानों को इन दोनों प्रतियोगिताओं की भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए सिर्फ ट्रायल के विजेताओं को हराने की जरूरत होगी। छह पहलवानों में विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, संगीता फोगाट, सत्यव्रत कादियान और जितेंद्र किन्हा शामिल हैं। यह पहलवान 5 से 15 अगस्त के बीच ट्रायल के विजेताओं से भिड़ेंगे।
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पढ़िए योगेश्वर दत्त ने क्या कुछ कहा….. 1. एडहॉक कमेटी ने बिना नियमों के लिया फैसला
मुझे आज ही न्यूज के माध्यम से पता लगा है कि IOA ने जो एडहॉक कमेटी बनाई थी, उन्होंने एक निर्णय लिया है जो भी यह 6 पहलवान जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे थे, इनको ट्रायल में छूट दी गई है। इनके बस फाइनल ट्रायल होगा। जो पहलवान इनकी वेट कैटेगरी में विजेता होगा, उनके साथ इनकी बस फाइनल ट्रायल होगी।
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मुझे नहीं पता कि आईओए की इस एडहॉक कमेटी ने ऐसे ट्रायल लेने के क्या मापदंड अपनाए हैं। अगर आपको ऐसे ही ट्रायल लेने हैं, तो रवि दहिया है जो ओलिंपिक का मेडलिस्ट है, दीपक पूनिया है जो भी गोल्ड मेडलिस्ट है व ओलिंपिक में चौथा स्थान पर रहा था। अंशु मलिक है, वर्ल्ड की सिल्वर मेडलिस्ट व ओलंपियन है। सोनम मलिक है। इनके अलावा और भी बहुत से पहलवान हैं, जो इस देश में नंबर वन है। लेकिन इन 6 ही पहलवानों को ट्रायल में छूट देना, मेरी समझ से बाहर है। यह सरासर गलत है, ऐसा तो आज तक जो पहले पैनल थे, उसने भी नहीं किया है।
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2. अन्य पहलवानों से अपील- इसके खिलाफ उठाएं आवाज…. योगेश्वर दत्त ने कहा कि हमारे जितने भी पहलवान हैं, उनसे अपील है कि आप अपनी आवाज जरूर उठाइए। मैं यह नहीं कह रहा कि आप धरना दीजिए, प्रदर्शन कीजिए। आप खूब मेहनत कीजिए, पर आप अपनी आवाज जरूर उठाइए। आप प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, खेल मंत्री, IOA को पत्र लिखिए और एडहॉक कमेटी के इस फैसले से उन्हें अवगत कराइए। इतिहास में कभी भी किसी फेडरेशन ने ऐसे फैसले नहीं किए हैं। हां, उन्होंने बिना ट्रायल के भी टीम भेजी हैं, लेकिन नंबर वन टीम भेजी है। ट्रायल में छूट भी दी गई है, लेकिन वह सभी के लिए नहीं दी गई है। छूट उसी को दी गई जो आउटस्टैंडिंग पहलवान था और करंट में जिसने अच्छा प्रदर्शन किया हो। यह पहलवान तो 1 साल से भी ज्यादा समय से मैट से दूर हैं।
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3. खाप पंचायतों और किसान संगठनों से इस फैसले पर मंथन करने को कहा…. योगेश्वर दत्त ने कहा कि सभी खाप पंचायतें, किसान संगठन इस फैसले को जरूर देखिए। क्योंकि आपने इन पहलवानों का साथ दिया था। इस आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए आपका बहुत बड़ा योगदान रखा है। यह जो फैसला है या किसके लिए अच्छा और किसके लिए बुरा है। अब आप उस प्रदर्शन की हकीकत को जानिए कि वह यौन शोषण के खिलाफ हुआ था या ट्रायल में छूट के लिए किया गया था।
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4. ये फैसला तानाशाही वाला है, मैं गलत के खिलाफ जरूर बोलूंगा… हरियाणा में कुश्ती की कष्ट निवारण समिति बनी थी, जिसके मुखिया कोच रणबीर ढाका और ज्ञान कोच हैं, जोकि एडहॉक कमेटी का भी हिस्सा हैं। उनके रहते हुए इस तरह का फैसला लिया गया है, वे भी इस पर विचार करें। यह फैसला बिल्कुल तानाशाही वाला लिया गया है। मैंने कुश्ती के लिए यह सब बातें बोली है, जहां भी कुश्ती के साथ कुछ गलत होगा, मैं जरूर बोलूंगा। इसमें मेरा कोई भी निजी स्वार्थ नहीं है। Yogeshwar Dutt lashes out at Vinesh, Bajrang and Sakshi