सत्य खबर, हिसार
हिसार जिले में भी मार्च माह तक ई-टिकटिंग की सुविधा शुरू हो जाएगी। इसके लिए हिसार डिपा से दो स्टाफ को चंडीगढ़ मुख्यालय में बैठक के लिए बुलाया है, जिनसे ई-टिकटिंग के लिए मशीन में रूट परमिट व किराया निर्धारित करने को लेकर रिपोर्ट मांगी है। मंगलवार को डिपा से ट्राफिक प्रभारी व एक इंस्पेक्टर मुख्यालय जाएंगे। इस दौरान रूट परमिट व किराया निर्धारित करने पर बातचीत होगी, ताकि किराया बराबर रहे। मार्च तक ई-टिकट के लिए मशीनें आएंगी।
प्रदेश में हिसार के अलावा 17 डिपो के स्टाफ को ई-टिकटिंग के लिए को लेकर रिपोर्ट देने के आदेश दिए है। सबसे पहले 18 जनवरी को हिसार से ही बैठक की शुरूआत होगी। इसमें अंबाला, चरखी दादरी, फतेहाबाद, दिल्ली, गुरुग्राम डिपो भी शामिल होंगे। इसे लेकर पिछले साल सरकार ने ई-टिकट शुरू करने की घोषणा की थी। कोराेना के चलते एक साल तक ई-टिकट का काम सिरे नहीं चढ़ पाया। अब नई शुरूआत होगी। वरना राजस्थान, पंजाब व दिल्ली सहित अन्य राज्यों में पहले से ई-टिकट की सुविधा है। यह डिजिटल समय की भी मांग है। इससे गलत टिकट भी नहीं काटी जाएगी। कई बार यात्री कर्मियों की शिकायत करते है।
न चूना लगाने व न टिकट खत्म होने की होगी प्रणाली
ई-टिकट से परिचालक यात्रियों को टिकट देने में रोडवेज विभाग को चूना भी नहीं लगा सकेंगे और न ही टिकट खत्म होने की प्रणाली होगी। समय की भी बचत होगी। ई-टिकट मशीन से रोडवेज विभाग की परिचालक पर नजर बनी रहेगी कि कब टिकट दी गई और किस रूट से। जब फ्लाइंग बस में चेक करेगी तो टिकट में समय व रूट दिया मिलेगा, जिससे पता चलेगा कि किस रूट की कितने रुपये टिकट व कब दी गई है। वरना कर्मी बहाना बाजी बनाते है कि सवारी पिछले रूट से बस में चढ़ी है या भीड़ ज्यादा थी, जिससे टिकट नहीं दे पाया।
यह जरूरी
ई-टिकट शुरू करने से पहले प्रत्येक रूट मशीन में अपडेट कर किराया निर्धारित करना होगा, क्योंकि मशीन में अपडेट रूट की ही टिकट कटेगी। चाहे बस लंबे रूट की हो या लाकल ग्रामीण रूट की। किराया सामान हो, ताकि यात्रियों को दिक्कत ना हो। कुछ राज्यों में लंबे रूट की बसों पर लाकल रूट की ई-टिकट की सुविधा नहीं है, जिससे उसके स्टेशन के आगे-पीछे की टिकट काटी जाती है|
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