सत्यखबर
पलवल में कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे किसानों ने अब गर्मी को देखते हुए धरना स्थल पर झोपड़ियां डाल ली हैं और झोपड़ियों में पंखे-कूलर की व्यवस्था की जा रही हैं जिससे ये साफ होता है कि किसान लंबी लड़ाई लड़ने के मूड में हैं… वहीं आज किसानों के धरना स्थल पर पूरे दिन हरियाणा विधानसभा का अविश्वास प्रस्ताव चर्चा का विषय बना रहा…अविश्वास प्रस्ताव में 5 निर्दलीय विधायकों और जेजेपी के विधायकों का सरकार का साथ देना किसानों को रास नहीं आ रहा…जिससे किसान काफी नाराज और मायूस नजर आये.
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किसान नेताओं का कहना है कि जेजेपी के विधायकों और निर्दलीय विधायकों से उन्हें उम्मीद थी कि वो किसानों का साथ देते हुए कृषि कानून लाने वाली सकार के खिलाफ अअविश्वास प्रस्ताव पर विधासभा में वोट करेंगे…लेकिन सिर्फ दो विधायकों और कांग्रेस के तीस विधायकों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया….जबकी रणजीत सिंह चौटाला और जेजेपी तो चौधरी देवीलाल के विचारों पर चलने वाली पार्टी थी लेकिन दुष्यंत चौटाला ने व्हिप जारी कर किसान आंदोलन को कमजोर करने का काम किया है….अगर आने वाले दिनों में दुष्यंत चौटाला ने अपनी आंखें नहीं खोली और किसानों का साथ नहीं दिया तो वो भूतपूर्व डिप्टी सीएम और उनके विधायक पूर्व विधायक ही रह जायेंगे…और आने वाले समय में जेजेपी खत्म हो जायेगी.
बता दें कि पलवल के नेशनल हाइवे-19 पर कृषि कानूनों को रद्द कराने और एमएसपी पर कानून बनवाने के लिये किसानों का धरना लगातार जारी हैं…वहीं हरियाणा विधानसभा में विपक्ष द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में केवल 2 निर्दलीय विधायकों द्वारा वोट समर्थन करने पर किसानों में जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के प्रति रोष है किसान नेताओं का कहना है कि अगर अविश्वास प्रस्ताव पास होता तो सरकार पर कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाने के लिये दबाव बनता लेनिक इससे ये साबित होता है कि जेजेपी भी किसान हितैषी नहीं है।
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