सत्य खबर, नई दिल्ली ।
दिनांक – 26 मार्च 2023
⛅दिन – रविवार
⛅विक्रम संवत् – 2080
⛅शक संवत् – 1945
⛅अयन – उत्तरायण
⛅ऋतु – वसंत
⛅मास – चैत्र
⛅पक्ष – शुक्ल
⛅तिथि – पंचमी शाम 04:32 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅नक्षत्र – कृतिका दोपहर 02:01 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅योग – प्रीति रात्रि 11:33 तक तत्पश्चात आयुष्मान
⛅राहु काल – शाम 05:21 से 06:53 तक
⛅सूर्योदय – 06:38
⛅सूर्यास्त – 06:53
⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:04 से 05:51 तक
⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:22 से 01:09 तक
⛅व्रत पर्व विवरण – स्कंद षष्ठी
⛅विशेष – पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌹 चैत्र नवरात्रि 🌹
🌹 धर्म शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि की पंचमी तिथि को स्कंदमाता की पूजा की जाती है । स्कंदमाता भक्तों को सुख-शांति प्रदान करनेा वाली हैं । देवासुर संग्राम के सेनापति भगवान स्कन्द की माता होने के कारण मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप को स्कन्दमाता के नाम से जानते हैं ।
पंचमी तिथि यानी नवरात्रि के पांचवे दिन माता दुर्गा को केले का भोग लगाएं व गरीबों को केले का दान करें । इससे आपके परिवार में सुख-शांति रहेगी ।
🌹 आर्थिक परेशानी हो तो… 🌹
🌹 स्कंद पुराण में लिखा है चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी (26 मार्च 2023 रविवार) को लक्ष्मी माता के 12 मंत्र बोलकर, शांत बैठकर मानसिक पूजा करे और उनको नमन करें तो उसको भगवती लक्ष्मी प्राप्त होती है, घर में लक्ष्मी स्थायी हो जाती हैं । उसके घर से आर्थिक समस्याए धीरे धीरे किनारा करती है बारह मंत्र इसप्रकार हैं –
🌹ॐ ऐश्वर्यै नम:
🌹ॐ कमलायै नम:
🌹ॐ लक्ष्मयै नम:
🌹ॐ चलायै नम:
🌹ॐ भुत्यै नम:
🌹ॐ हरिप्रियायै नम:
🌹ॐ पद्मायै नम:
🌹ॐ पद्माल्यायै नम:
🌹ॐ संपत्यै नम:
🌹ॐ ऊच्चयै नम:
🌹ॐ श्रीयै नम:
🌹ॐ पद्मधारिन्यै नम:
सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्ति प्रदायिनि । मंत्रपूर्ते सदा देवि महालक्ष्मी नमोस्तुते
द्वादश एतानि नामानि लक्ष्मी संपूज्यय पठेत । स्थिरा लक्ष्मीर्भवेतस्य पुत्रदाराबिभिस:
उसके घर में लक्ष्मी स्थिर हो जाती है । जो इन बारह नामों को इन दिनों में पठन करें ।
🔹 रविवार विशेष🔹
🔹 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
🔹 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
🔹 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
🔹 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।
🔹 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।
🔹 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।
🔹 रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।
🔹 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।
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