सत्य खबर, सफीदों, महाबीर मित्तल: आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा एवं आर्य समाज सफीदों के संयुक्त तत्वावधान में उपमंडल के गांव बहादुरगढ़ में यज्ञ रचाओं-कोरोना भगाओं यात्रा निकाली गई। यात्रा में माता चन्नन देवी आर्य कन्या गुरूकुल पिल्लूखेड़ा के संचालक स्वामी धर्मदेव का सानिध्य प्राप्त हुआ। वैदिक मंत्रोचार के उद्घोष के बीच यह यात्रा पूरे गांव में घुमी और लोगों ने यज्ञ में अपनी आहुति डालकर कोरोना के खात्मे की कामना की। अपने संबोधन में स्वामी धर्मदेव ने कहा कि वैदिक सभ्यता का आधार ही हवन-यज्ञ है। वातावरण की शुद्धि और विषाणुओं के शमन के लिए हवन प्रभावी उपाय है। यज्ञ की अग्नि में डाली जाने वाली जड़ी-बूटियों में औषधीय गुण होते हैं, जो धुएं के रूप में वायुमंडल में विलीन होकर विभिन्न प्रकार के विषाणुओं का शमन करते हैं। इससे कोरोना वायरस के खात्मे में मदद मिलेगी और वायुमंडल भी शुद्ध होगा। उन्होंने कहा कि कपूर, गूगल, चन्दन, केसर, लोबान, बालछड़, अगर, तगर, गलोय के पत्ते, नीम के पत्ते आदि कृमिनाशक हैं। इनका धूंआ (अग्नि में जलाने से निकली गंध) स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है। इस मौके पर प्रधान महिंद्र बैरागी, सत्यवान सैनी, कर्मवीर सैनी, बलजीत बैरागी, विनोद, जीवन सैनी, अनंतराम बैरागी व लेख राम मौजूद थे।
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