सत्यखबर, हिसार
राजनीति के क्षेत्र में नारनौंद का सुर्खियों में बना रहता है और इस हलके पर पूरे प्रदेश के नेताओं की नजर भी टिकी रहती है। दादा गौतम राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी माने जाते हैं और उनके बोल भी हमेशा चर्चा का विषय बने रहते हैं। दादा गौतम वीरवार को हलके के गांव खेड़ी चौपटा में दुष्यंत के कार्यक्रम में नहीं पहुंचे तो चर्चाओं का बाजार एक बार फिर गरम हो गया। हालांकि दुष्यंत कोरोना का बहाना बनाकर अपना बचाव कर गए।
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला वीरवार को खेड़ी चौपटा पर तहसील परिसर का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे थे। वहां पर लगे उद्घाटन पत्थर पर दुष्यंत चौटाला के साथ हलके के विधायक राम कुमार गौतम का भी नाम अंकित था। दुष्यंत चौटाला अपने तय कार्यक्रम के अनुसार समय पर पहुंच गए। हलके के विधायक वहां पर नहीं पहुंचे तो ऐसे में चर्चा होना आम बात थी कि जेजेपी पार्टी के सुप्रीमो हलके में दो बार आ चुके हैं। लेकिन दादा गौतम उनके कार्यक्रम में एक बार भी शिरकत करने नहीं पहुंचे।
हालांकि कुछ दिन पहले ही दादा गौतम में दुष्यंत चौटाला को अपना पोता बता कर यू टर्न मार लिया था। लेकिन उन्होंने यह भी साफ कह दिया था कि वह कभी दुष्यंत के पास नहीं जाएंगे। वहीं नारनौंद हलके से संबंध रखने वाले जेजेपी के विधायक जोगी राम सिहाग भी खेड़ी चोपटा के मंच पर नजर नहीं आए। वह भी कृषि विधेयक को लेकर सरकार का साथ न देकर किसानों का साथ दे रहे हैं। ऐसे में पार्टी के विधायक अलग राह पर चले तो इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि पार्टी में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा।
बरवाला के विधायक सिहाग ने बताया कि यह कृषि विधेयक किसानों व आढ़तियों को ही नुकसान नहीं देगा बल्कि आम उपभोक्ताओं को भी इससे सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि मैं पब्लिक के साथ हूं। पब्लिक के साथ अन्याय हुआ तो मैं अपना इस्तीफा भी दे दूंगा और जहां भी किसान धरने पर बैठेंगे, मैं उनके पास मिलूंगा।
इस संबंध में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि पार्टी में सब कुछ ठीक-ठाक है। रामकुमार गौतम को भी आज के कार्यक्रम में आना था लेकिन उनके परिवार में किसी को कोरोना है और वे घर पर ही आइसोलेट हैं।
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