सत्यखबर हरियाणा (ब्यूरो रिपोर्ट) – हरियाणा के कच्चे कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। हरियाणा सरकार ने इन कर्मचारियों को स्थायी भर्ती में उम्र सीमा से छूट दी है।
हरियाणा के कच्चे कर्मचारियों (अस्थायाी कर्मचारियों) के लिए बड़ी खुशखबरी है। राज्य सरकार ने सरकारी महकमों, बोर्ड-निगमों और सरकारी कंपनियों में लगे कच्चे कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। मौजूदा दौर में चल रही बंपर भर्तियों में उम्र अधिक होने के कारण आवेदन नहीं कर पा रहे कच्चे कर्मचारियों को उम्र सीमा में छूट मिलेगी। एडहॉक, अनुबंध, दैनिक वेतन या आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत काम कर रहे कर्मचारियों को निर्धारित उम्र सीमा में उतने वर्षों की छूट मिलेगी, जितने समय से वह उस पद पर काम कर रहे होंगे। इसके साथ ही उनको भर्ती मेंं अनुभव के अनुरूप अतिरिक्त अंक भी मिलेंगे।
मुख्य सचिव ने इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्ष, बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशक, मंडलायुक्त, हाई कोर्ट और यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और उपायुक्तों को लिखित आदेश जारी कर दिए हैं। हाई कोर्ट ने वर्ष 2014 में योगेश त्यागी बनाम सरकार के मामले में निर्देश दिया था कि सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्की नौकरियों में आवेदन के लिए उम्र सीमा में छूट दी जाए। मौजूदा समय में प्रदेश में 60 हजार से अधिक कच्चे कर्मचारी हैं। इनमें बड़ी संख्या में कर्मचारी ऐसे हैं जो 42 साल से अधिक उम्र होने के कारण भर्तियों में आवेदन नहीं कर पा रहे थे। अब उम्र सीमा में छूट के चलते वह नौकरियों के लिए आवेदन कर सकेंगे।
बता दें कि पक्की भर्तियों में कच्चे कर्मचारियों को उनके अनुभव के अनुसार अंक देने की व्यवस्था पहले से लागू हो गई है। एक वर्ष के अनुभव का आधा अंक होगा। अगर किसी कर्मचारी का दस वर्ष का अनुभव है तो उसे पांच अंक मिलेंगे। हालांकि अधिकतम सीमा पांच अंकों की ही रहेगी। प्रदेश में इन दिनों क्लर्क के 4858, ग्राम सचिव के 697, पटवारी के 1100 और जूनियर इंजीनियर 1624 पदों के लिए आवेदन की प्रक्रिया चल रही है।
सरकारी विभागों और बोर्ड-निगमों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के बैकलॉग को पूरा करने की कवायद शुरू हो गई है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 17 जून 1995 से सरकारी नौकरियों में ग्रुप सी और डी के अनुसूचित जाति के रिक्त पदों को पदोन्नति से भरने के आदेश दिए हुए हैं। इसे अमलीजामा पहनाने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव ने शुक्रवार को बैठक बुलाई है। सभी विभागाध्यक्षों और प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिया गया है कि बैकलॉग को पूरा करते हुए किसी भी सूरत में अनुसूचित जाति के कर्मचारियों की संख्या निर्धारित 20 फीसद से अधिक नहीं होनी चाहिए।
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