सत्य खबर, चण्डीगढ़
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा 13-15 मई तक ‘नव-संकल्प चिंतन शिविर’ के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में ‘किसान एवं कृषि के उत्थान’ हेतु बनी समिति विभिन्न किसान नेताओं से विचार-विमर्श कर रही है। इसी कड़ी में आज हुड्डा ने अलग-अलग राज्यों से आए किसान नेताओं के साथ एकबार फिर बैठक की। इसमें तमाम नेताओं ने कृषि उत्थान से जुड़े अपने सुझाव पेश किए। हुड्डा ने इसके लिए किसान नेताओं का आभार जताया और उनके सुझावों को कांग्रेस के एजेंडे में शामिल किए जाने का भरोसा दिलाया।
राजस्थान के उदयपुर में होने वाले तीन दिवसीय चिंतन शिविर में किसानों व कृषि सम्बन्धी मुद्दे पर चर्चा के लिए राजनीतिक प्रस्ताव तैयार करने की बतौर संयोजक जिम्मेदारी संभाल रहे हुड्डा ने मीडिया को बताया कि किसान आंदोलन के चलते 3 कृषि कानूनों की वापसी होने के बाद भी किसानों के कई सारे ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें सरकार अब भी अनदेखा कर रही है। किसान हित में इन मुद्दों पर गहनता से चर्चा करना और किसानों की मांगों को माना जाना बेहद जरूरी है। इसी के मद्देनजर कांग्रेस की तरफ से यह पहल की गई है। इस पहल को कामयाब बनाने के लिए ही वो लगातार किसानों, किसान संगठनों, किसान नेताओं, कृषि विशेषज्ञों और कृषि वैज्ञानिकों के साथ व्यापक चर्चा कर उनके सुझाव ले रहे हैं।
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किसान नेता योगेंद्र यादव ने भी इस पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि कांग्रेस समेत सभी दलों और सत्ताधारी बीजेपी को भी किसानों से संवाद स्थापित करना चाहिए। सड़क से लेकर संसद और राजनीतिक गलियारों में किसानी के मुद्दे पर विमर्श होना बेहद आवश्यक है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि अलग-अलग किसान चिंतकों से बातचीत में किसानी को लेकर भूतकाल में किए गए उनके कार्य का अनुभव भी काफी लाभकारी सिद्ध हो रहा है। क्योंकि यूपीए सरकार के दौरान उन्हें मुख्यमंत्रियों की वर्किंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था। उस कमेटी ने किसानों को C2 फार्मूले के तहत एमएसपी देने, किसानों की लागत मापने के तरीके में सुधार करने और उनके कर्ज की ब्याज की दरों को कम करने के सुझाव दिए गए थे। कांग्रेस कार्यकाल में उन्होंने हरियाणा में किसानों के लिए शार्ट टर्म लोन की ब्याज दरों को ‘शून्य’ कर दिया था।
कई किसान नेताओं ने सुझाव दिया है कि उस कमेटी की और भी सिफारिशों को लागू करने की जरूरत है। उन्हें उम्मीद है कि चिंतन शिविर में किसान व मजदूर की भलाई के लिए विस्तृत चर्चा होगी और कांग्रेस पार्टी इसे अपने एजेंडे में शामिल करते हुए किसान मजदूरों के हित में कदम उठाएगी।
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