सत्य खबर
महिला किसानों ने चेताया कि तीन कृषि कानून किसानों के हित में नहीं है और इन्हें रद्द करवाने के लिए किसान दिल्ली और हाइवे के टोल प्लाजा पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार को बसताड़ा टोल प्लाजा पर बैठे किसान दिल्ली ट्रैक्टर परेड के लिए कूच कर गए है और क्रमिक भूख हड़ताल की जिम्मेदारी महिला किसानों को सौंपी गई है।
https://sat.magzian.com/%e0%a4%97%e0%a4%a3%e0%a4%a4%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a4%b8-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a4%aa%e0%a4%a5-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%aa%e0%a4%b9%e0%a4%b2/
सुबह सैंकड़ों महिलाएं टोल प्लाजा पर एकत्रित हुई और सरकार की नीतियों व कृषि कानूनों के प्रति रोष जताया। क्रमिक भूख हड़ताल पर पांच महिलाएं बैठी।
आंदोलनकारी महिलाओं ने कहा कि देश के लिए अन्न उगाने वाला किसान आज कड़ाके की सर्दी में सड़कों पर बैठा है। करीब दो माह से दिल्ली में प्रदर्शन चल रहा है और करीब एक माह से बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसान क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं।
26 जनवरी की ट्रेक्टर परेड सरकार की आंखें खोलने का काम करेगी। लाखों की संख्या में ट्रेक्टर दिल्ली की सड़कों पर परेड करेंगे। जब तक किसान वापिस नहीं आते तब तक बसताड़ा टोल प्लाजा पर जारी क्रमिक भूख हड़ताल की कमान महिलाएं संभालेगी। वहीं महिलाओं के साथ मंच पर साध्वी देवा ठाकुर भी पहुंची और उन्होंने महिलाओं का हौंसला बढ़ाया तो वहीं तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग उठाई।
टोल प्लाजा पर धरने व क्रमिक भूख हड़ताल में शामिल होने पहुंची महिला अंजू का कहना था कि महिलाएं किसी भी स्तर पर कमजोर नहीं है। वे खेत से लेकर आंदोलन तक में हर जिम्मेदारी निभाने में सक्षम है और यह महिलाओं ने कर दिखाया है। आज महिलाओं में कृषि कानूनों के विरोध में बड़ा गुस्सा है।
Aluminum scrap material testing Scrap aluminium import regulations Scrap metal dealer