सफीदों, (महाबीर मित्तल)
सफीदों के एसडीएम मनदीप कुमार ने कहा कि भूमि से हमें खाद्यान्न प्राप्त होते हैं, ऐसे में हमारी यह जिम्मेवारी बढ़ जाती है कि हम अपनी भूमि के स्वास्थ्य का अधिक ख्याल रखें। फसल कटाई के सीजन के दौरान प्रतिवर्ष किसानों द्वारा फसल अवशेष जलाने से वातावरण में प्रदूषण की मात्रा बढ़ जाती है। जिससे जहां एक तरफ भूमि बंजर होती है वहीं वायु प्रदूषण से मानव जीवन व जीव जंतुओं पर भी संकट मंडराने लगता है। एसडीएम ने बताया कि फसल अवशेषों में आग लगाने से हवा में प्रदूषण के छोटे-छोटे कणों से पीएम 2.5 का स्तर अत्यधिक बढ़ जाता है और सांस लेने में तकलीफ होती है तथा कोरोना संक्रमित रोगियों के लिए ज्यादा घातक हो सकता है। इसके अतिरिक्त फसल अवशेष जलाने से पैदा हुए धुंए से अस्थमा व कैंसर जैसे रोगों को भी बढ़ावा मिलता है। मनदीप कुमार ने कहा कि पराली को जलाने से भूमि में मौजूद कई उपयोगी बैक्ट्रिया व कीट नष्ट हो जाते हैं, वहीं मिट्टी की जैविक गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। उन्होंने बताया कि किसान राष्ट्रीय कृषि नीति की पालना करके पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि
https://www.youtube.com/watch?v=1yrBqmYwrKU&t=17s
Aluminum scrap regulations Scrap aluminium purification Metal salvage yard operations
Metal reclamation operations Ferrous metal waste recycling Iron scrap recycling and reclamation
Ferrous material brokerage, Iron repurposing and recycling, Metal recycle yard