सत्यखबर
नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन अभी जारी है। जिसको चलते 6 महीने पुरे हो चुके है लेकिन अभी कोई तक समाधान नहीं निकला है। आपको बता दें कि भारतीय किसान मजदूर फेडरेशन शुरूआत से ही संयुक्त किसान मोर्चा के साथ आंदोलन में शामिल रहेगा।
वहीं संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल कई किसान संगठनों ने अलग से भारतीय किसान मजदूर फेडरेशन बनाया है, जिसमें 10 राज्यों के 38 संगठनों को जोड़ा गया है।
हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने अन्य कई संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक करके फेडरेशन बनाए जाने का एलान लिया। हालांकि फेडरेशन में शामिल किए गए संगठनों के पदाधिकारियों का दावा है कि यह फेडरेशन भी संयुक्त किसान मोर्चा के साथ आंदोलन में शामिल रहेगा तो दूसरे राज्यों में अन्य मुद्दों पर भी जरूरत पड़ने पर आंदोलन किए जाएंगे।
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आपको बता दें कि यह फैसला किसान संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक करने के बाद लिया गया है, जहां संयुक्त किसान मोर्चा से अलग भारतीय किसान मजदूर फेडरेशन बनाने का फैसला लिया गया। वहीं हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया है कि कि इस संगठन में हरियाणा, पंजाब, यूपी, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़ के 38 संगठन अभी तक जुड़ गए हैं। इसमें कई वे संगठन भी शामिल हैं, जो संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा कि यह फेडरेशन किसान आंदोलन में संयुक्त मोर्चा के सहयोगी की तरह काम करेगा। इसकी संचालन कमेटी के पांच सदस्य बनाए जाएंगे, जो किसी भी फैसले के लिए बैठक करेंगे और उसके बाद उसे फेडरेशन से जुड़े सभी संगठनों को बताया जाएगा। चढूनी ने कहा कि सभी 38 संगठनों से बात करके यह फेडरेशन बनाया गया है।
चढूनी ने कहा कि किसान आंदोलन से अलग भी किसी भी राज्य में अन्य मुद्दे को लेकर आंदोलन चलाना पड़ा तो इस फेडरेशन के बैनर तले चलाया जाएगा।
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