सत्य खबर जींद, महाबीर मित्तल
अतिरिक्त उपायुक्त साहिल गुप्ता ने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण से कई परिवार टूट कर बिखर गए हैं तथा कई बच्चे अपने पैरेंट्स को खो चुके है। ऐसे बच्चों की मदद के लिए सरकार द्वारा बाल संरक्षण योजना चलाई हुई है। इसके तहत बच्चों को पढ़ाई लिखाई व उनके रहन-सहन, चिकित्सा सुविधा आदि के लिए सहायता राशि मिलती है। अतिरिक्त उपायुक्त साहिल गुप्ता ने बताया कि कोविड-19 महामारी में जिला के जिन बच्चों के माता-पिता, संरक्षण माता-पिता, कानूनी तौर पर घोषित माता-पिता का कोविड-19 के कारण देहांत हो गया था। ऐसे 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए प्रधानमंत्री केयर फंड व मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत बच्चों को उपायुक्त के अनुमोदन पर लाभ दिया जाना है। उन्होंने बताया कि ऐसे प्रार्थी जो इस श्रेणी में आते है, वे पूरा विवरण सहित अपना आवेदन लघु सचिवालय स्थित जिला बाल संरक्षण कार्यालय, महिला एवं बाल विकास विभाग में दे सकते है अथवा 9728०22०88 व ०1681-245००3 पर सम्पर्क कर सकते है।
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जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुजाता ने बताया कि राज्य सरकार ने हरियाणा में कोविड-19 महामारी के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए मुख्यमंत्री बाल विकास सेवा योजना लागू की है। इस योजना के तहत ऐसे बच्चों के पालन-पोषण और पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। जिनके माता-पिता की मृत्यु के बाद बच्चों की देखभाल परिवार के अन्य सदस्य कर रहें हैं, ऐसे बच्चों की देखभाल परिवार के अन्य सदस्य कर रहें हैं। ऐसे बच्चों के पालन पोषण के लिए 18 वर्ष तक आर्थिक सहायता बच्चों के लिए प्रति मास राज्य सरकार की ओर से संबंधित परिवार को दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त 18 वर्ष तक की आयु होने तक जब तक बच्चा पढ़ाई करेगा तब तक आर्थिक सहायता राज्य सरकार की ओर से अन्य खर्चों के लिए भी दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बेशक कोरोना का ग्राफ नीचे आ रहा है लेकिन हमें सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है।
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