सत्यखबर
चंडीगढ़: हरियाणा खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक खामियों के चलते विधानसभा में पारित नहीं हो पाया। विधेयक में प्रदेश के मूल निवासी बच्चों के लिए दाखिला में आरक्षण का प्रावधान नहीं था। विधेयक सदन में चर्चा के लिए पेश होने पर विपक्ष ने अनेक सवाल उठाए। सीएम ने कांग्रेस विधायकों की आपत्तियों को सही मानते हुए विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की मांग मान ली।
विधानसभा अध्यक्ष ने प्रवर समिति बनाने का प्रस्ताव सदन पटल पर रखा। सर्वसम्मति से इसे पास कर दिया गया। कमेटी में 15 से अधिक सदस्य नहीं होंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा समिति के लिए नाम तय करेंगे।
खेल मंत्री संदीप सिंह ने सदन में हरियाणा खेलकूल विश्वविद्यालय विधेयक 2021 पेश किया। इस पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इसमें प्रदेश के बच्चों को दाखिला में आरक्षण का प्रावधान नहीं है। राई खेल स्कूल में 80 फीसदी सीट हरियाणा के बच्चों के लिए थी। स्कूल को ही विश्वविद्यालय में परिवर्तित किया जा रहा है, इसका प्रदेशवासियों को कोई फायदा नहीं होगा।
एक तरफ सरकार निजी क्षेत्र की नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को 75 फीसदी रोजगार देने का कानून बना चुकी है और दूसरी तरफ युवा प्रतिभावान खिलाड़ियों की अनदेखी की जा रही है। इस विधेयक का वह विरोध करते हैं, इसे प्रवर समिति को भेजा जाए।
कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा ने कहा कि विधेयक के अनुभाग-6 में संशोधन किया जाए। इससे प्रदेश के बच्चों को विश्वविद्यालय में दाखिला में आरक्षण मिल सकेगा। कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने भी विधेयक में प्रदेश के बच्चों की अनदेखी का मुद्दा उठाया और विधेयक को वापस लेने की मांग की।
सीएम मनोहर लाल ने कांग्रेस विधायकों की बात सुनने के बाद कहा कि हुड्डा व अन्य विधायकों की आपत्तियां जायज हैं। विधेयक पर चर्चा के बाद अनेक बातें निकलकर सामने आती हैं। इसलिए विधेयक प्रवर समिति को भेजा जाए ताकि वह अध्ययन कर क्लॉज अनुसार संसोधन सुझा सकें। याद रहे कि पूर्व में इस विधेयक को विधानसभा में पारित कर केंद्र सरकार को अंतिम मंजूरी के लिए भेजा गया था। वहां भी आपत्तियां लग गई थीं, इस बार विधानसभा में ही विधेयक पर पेंच फंस गया।
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