सत्यखबर, गाजीपुर
कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 10 महीने से किसान गाजीपुर बॉर्ड समेत दिल्ली के बॉर्डर्स पर धरना दे रहे हैं। इसी बीच गुरुवार को मीडिया में ऐसी खबरें सामने आई कि, किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर खाली करना शुरू कर दिया है। अब मामले पर भारतीय किसान यूनियन का बयान सामने आया है। किसान यूनियन ने ट्वीट कर लिखा कि, यह पूर्णतया निराधार है ,हम यह दिखा रहे है कि रास्ता किसानों ने नहीं दिल्ली पुलिस ने बन्द किया है। भारतीय किसान यूनियन ने ट्वीट कर कहा कि, किसानों भाइयों यह अफवाह फैलाई जा रही हैं कि गाज़ीपुर बॉर्डर खाली किया जा रहा है। यह पूर्णतया निराधार है ,हम यह दिखा रहे है कि रास्ता किसानों ने नहीं दिल्ली पुलिस ने बन्द किया है। इसके साथ ही किसान यूनियन ने कई न्यूज बेवसाइट और चैनलों को अपने इस ट्वीट में टैग किया है।
इससे पहले कई तस्वीरें सामने आई थीं जिसमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत बैरिकेडिंग हटाने के इस काम में खुद लगे हुए दिखे थे। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अब हम दिल्ली जाएंगे और बताएंगे कि रास्ता खुला हुआ है। उन्होंने यह पूछने पर कि दिल्ली में कहां जाएंगे के सवाल पर बताया कि पार्लियामेंट जाएंगे जहां पर कानून बनता है। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने दिल्ली आने वाला रास्ता बंद किया हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के सख्त रूख के बाद महीनों से दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे पर बैठे किसानों ने सर्विस रोड से बनाई अपनी झोपड़ी हटा दी है। कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस इसे हटाने पहुंची थी। किसान नेता राकेश टिकैत ने नेशनल हाईवे 24 के दिल्ली-गाजीपुर मुर्गा मंडी की तरफ जाने वाली सर्विस लेन को खुद खुलवाया है। सबसे पहले किसानों ने इसी रास्ते को रोका था। जनता की सहूलियत के लिहाज से सर्विस लेन खोलने का फैसला किया गया है।
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किसानों के विरोध-प्रदर्शन के चलते हाई-वे जाम करने के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम एम सुंदरेश की बेंच ने मामले की सुनवाई की। इस दौरान किसानों की ओर से कोर्ट से अनुरोध किया गया कि मामले की सुनवाई दो हफ्ते बाद हो। किसानों की तरफ से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे पैरवी कर रहे थे, जबकि सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता थे।
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