महामंडलेश्वर, गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने किया गौ अनुसंधान केंद्र का दौरा
सत्य खबर पंचकूला, महाबीर मित्तल
जिला के पिंजौर में श्री कामधेनू गौशाला सेवा सदन में हरियाणा गौ सेवा आयोग के तकनीकी मार्गदर्शन में स्थापित गौ अनुसंधान केंद्र में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने दौरा किया। इस अवसर पर हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग विशेष रूप से उनके साथ मौजूद रहे। अपने आशीर्वचन के दौरान गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि गाय के दूध, घी, गोबर, गोमूत्र में सभी देवताओं के तत्व विराजते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सनातन परंपरा में किसी धार्मिक कार्य में गाय के गोबर से उस स्थान को शुद्ध किया जाता है। गाय के गोबर में लक्ष्मी का वास होता है। ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि देसी गाय के गोमूत्र में गंगा के वास का व्याख्यान शास्त्रों में किया गया है। आयुर्वेद में गोमूत्र पीने की सलाह से चिकित्सा आज भी की जाती है। गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि गाय का महत्व रामायण, महाभारत, श्री भगवत गीता में किसी न किसी रूप में उल्लेखित है। गाय भगवान श्री कृष्ण को अति प्रिय है। भगवान श्री कृष्ण ने नंगे पैर गाय को चराया तो गोपाल कहलाए। गाय में सभी देवी देवताओं का निवास विद्यमान है।
सत्य खबर पंचकूला, महाबीर मित्तल
जिला के पिंजौर में श्री कामधेनू गौशाला सेवा सदन में हरियाणा गौ सेवा आयोग के तकनीकी मार्गदर्शन में स्थापित गौ अनुसंधान केंद्र में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने दौरा किया। इस अवसर पर हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग विशेष रूप से उनके साथ मौजूद रहे। अपने आशीर्वचन के दौरान गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि गाय के दूध, घी, गोबर, गोमूत्र में सभी देवताओं के तत्व विराजते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सनातन परंपरा में किसी धार्मिक कार्य में गाय के गोबर से उस स्थान को शुद्ध किया जाता है। गाय के गोबर में लक्ष्मी का वास होता है। ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि देसी गाय के गोमूत्र में गंगा के वास का व्याख्यान शास्त्रों में किया गया है। आयुर्वेद में गोमूत्र पीने की सलाह से चिकित्सा आज भी की जाती है। गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि गाय का महत्व रामायण, महाभारत, श्री भगवत गीता में किसी न किसी रूप में उल्लेखित है। गाय भगवान श्री कृष्ण को अति प्रिय है। भगवान श्री कृष्ण ने नंगे पैर गाय को चराया तो गोपाल कहलाए। गाय में सभी देवी देवताओं का निवास विद्यमान है।
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उन्होंने कहा कि आज के परिपेक्ष में हम सबको मिलकर किसी न किसी रूप में गाय की सेवा अवश्य करनी चाहिए। गाय की सेवा से राष्ट्र की सेवा भी होगी। प्रत्येक दिन गो ग्रास निकाले और घर में होने वाले किसी भी शुभ कार्य से पहले गाय के लिए भोजन या चारा आदि अवश्य निकालें। जो लोग घरों में गाय नहीं रख सकते हैं, उन्हें गौशालाओं में सामर्थ्य अनुसार किसी ना किसी रूप में गाय की सेवा करनी चाहिए। इस अवसर पर हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने अनुसंधान केंद्र का दौरा करवाया और केंद्र में चल रहे अनुसंधान कार्यों, उत्पादों के उत्पादन की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई। अनुसंधान केंद्र में गोबर से बनने वाले प्राकृतिक पेंट का उत्पादन प्रारंभ हो जाएगा। उन्होंने यहां पर गोबर से बनने वाले गमले, जैविक खाद और फास्फेटआधारित खाद (प्रोम) पर चल रहे अनुसंधान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रोम आधारित खाद को डीएपी के विकल्प के रूप में खेतों में प्रयोग किया जा सकता है। डीएपी के मुकाबले गाय के गोबर से बनी यह खाद काफी सस्ती और तुलनात्मक ज्यादा फायदा देने वाली है। चेयरमैन श्रवण गर्ग ने बताया कि इस तरह की खाद के मानक तय हो जाने पर बिक्री के लिए खुले बाजार में यह खाद उपलब्ध होगी। इस मौके पर हरियाणा गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष विद्यासागर बाघला, सचिव डॉ चिरंतन कादयान, गो अनुसंधान केंद्र के ट्रस्टी नवराज धीर, डॉ अश्वनी कुमार, सुधीर राणा, नितिन अग्रवाल, प्रदीप गोयल, विकास गोयल, सुरेंद्र सिंगला, आदि विशेष रूप से मौजूद रहे।
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