सत्यखबर, जाखल (दीपक)
महान बनने के लिए सहनशील बनना बहुत आवश्यक है, क्योंकि सहनशील व्यक्ति ही महानता के शिखर पर पहुंचते है। सोना को जब तपाया जाता है, हीरा को तराशा जाता है तभी वह सम्मान प्राप्त करता है। वैसे ही जो दूसरों की कटु आलोचना को सहन करते हुए अपने कर्तव्य पर डटा रहता है वही महान बनता है।
खंड जाखल के गांव चांदपुरा के रहने वाले गुरविंदर सिंह चांदपुरिया ने अब तक तीन सुपरहिट गीत सिंधु सरदार सतुडियो के माध्यम से गीत फैक्ट्री यू ट्यूब चैनल पर अपलोड किया। जिसमे उसके द्वारा लिखे व गए गए बॉर्डर गीत को यूट्यूब चैनल पर लोगो ने खूब सराहा।
गुरविंदर सिंह गरीब परिवार में जन्मे उनका लालन-पालन उनकी माता के द्वारा किया गया। क्योंकि छोटी सी आयु में उनके पिता उनके साथ तीन बहनों और एक छोटे भाई को छोड़कर परलोक सिधार गए थे। बीपीएल परिवार से संबंधित गुरविंदर सिंह की माता ने दिहाड़ी मजदूरी कर उनको दसवीं तक की शिक्षा ग्रहण करवाई। लेकिन परिवार की मजबूरी के कारण गुरविंदर को अपनी पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ी जबकि उसकी छोटी बहन बीए. में पढ़ाई कर रही है और उस से छोटी बहन ने दसवीं में आठवीं व 7 वी में कक्षा में है ।
गुरविंदर के पिता को गाने सुनने का बहुत शौक था। गुरविंदर ने अपने पिता को आदर्श मानते हुए अब तक तीन सुपरहिट गीत लिखे हैं। जिनमें से नच भाभी, लोक तथ, और बॉर्डर गीत को लिखा। इनमें से दो गाने उसने खुद गाए हैं। कुल मिलाकर इस नवयुवक के आड़े गरीबी आ रही है, उसको यहां तक पहुंचाने में उसके एक हैंडिकैप्ड दोस्त बाजाराम इंसान ने मदद की। अगर इस नवयुवक को कोई आर्थिक सहायता या सरकारी सहायता मिल जाए तो यह अपने गांव का अपने ब्लॉक का और अपने जिले का ही नहीं अपने प्रदेश का नाम रोशन कर सकता है।
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