जाखल रेलवे कॉलोनी वासियों की चार दिवारी टूटने से सुरक्षा राम भरोसे
सत्यखबर जाखल (दीपक) – जाखल जंक्शन रेलवे क्वार्टरों को सुरक्षा प्रदान करने वाली दीवार लगभग 50 वर्ष से भी अधिक पहले की बनी हुई है जो अब खस्ताहाल स्थिति में है। कभी भी बरसाती दिनों में इसके साथ लगती सड़क में गिरने से जान माल का नुकसान कर सकती है। अपना नाम न छापने की शर्त पर यहां रहने वाले परिवारों ने बताया कि कॉलोनी की दीवार चारों तरफ से टूटी हुई है। ऐसा कई साल से है। दीवार टूटने से बड़ी संख्या में असामाजिक तत्व, नशेड़ी एवं मनचले रेलवे क्वॉर्टर्स के अंदर घूमते रहते हैं। रेलवे कॉलोनी के अंदर काफी क्वार्टर खंडहर बन चुके है। कर्मचारी बताते हैं कि कई बार इस टूटी दीवार के बारे में संबंधित विभाग के अधिकारियों को शिकायत दी गई, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।
कॉलोनी वासियों का कहना है कि यहां 100 के करीब क्वार्टर हैं। जिनमें से काफी को कंडम घोषित किया जा चुका है। तो रेलवे इसको क्यों नहीं गिरा देती? या फिर सिर्फ कागजों में खतरनाक घोषित कर इसे छोड़ दिया गया है। क्या रेलवे किसी अनहोनी का इंतजार कर रही है? नाम न छापने की शर्त पर कुछ कर्मचारियों ने बताया की यहां जिन क्वार्टर में कर्मचारी रह रहे हैं उन क्वार्टरों की स्थिति भी कुछ ठीक नहीं है। किसी में खिड़की नहीं है तो किसी में दरवाजे खराब हो चुके हैं। कुछ के छज्जे टूटी हुई हैं। इन क्वॉर्टर्स में रह पाना कर्मचारी परिवारों के लिए बेहद मुश्किल भरा है।
कर्मचारी बताते हैं कि इसके एवज में रेलवे उनकी सैलरी से एक मोटी रकम काटती है, लेकिन क्वार्टर्स के नाम पर सिर्फ खंडहर नुमा कमरे मुहैया कराए गए हैं। न तो सेफ्टी के लिहाज कोई बंदोबस्त है और न सफाई। और ना ही गंदे पानी की निकासी का कोई उचित प्रबंध नहीं है। कई क्वार्टरों के बाहर ग्राउंड फ्लोर में तो गंदे पानी का जमावड़ा लगा हुआ है। ऐसे में यहां रहने वाले लोग इन क्वॉर्टर्स को छोड़कर चले गए है। जो नहीं जा सके, वे मजबूरी में यहां रह रहे हैं। कर्मचारियों के परिवार गंदगी और बदहाली के बीच रहने को मजबूर है।
इस बारे जब रेलवे के आईओडब्लयू निरीक्षक शैलेंद्र मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने कहा किस दीवार का एस्टीमेट बनाकर हमने ऊपर भेज रखा है। जैसे ही पास होगा इसका निर्माण करवा दिया जाएगा।