सत्यखबर पलवल (मुकेश बघेल) – कृषि उपनिदेशक डा.महावीर सिहं ने कहा कि भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार औसतन कम वर्षा होती है। जिले में भूजल स्तर काफी नीचे गिरता हुआ जा रहा है। ऐसे में पानी की उपलब्धता दुर्लभ है। किसान धान व गन्ने की फसल की बिजाई ना करें। दोनों ही फसलों में पानी की खपत अधिक होती है। किसान धान की बजाय अन्य दलहनी व तिलहनी फसलों की बिजाई करें।
किसान अरहड़, मक्का, बाजारा, कपास, मूंग, चना की फसल की बिजाई करें। उन्होंने कहा कि फसल चक्र अपनाने से भूमि की ऊवर्रक शक्ति भी बढेगी और प्राकृतिक संसाधन पानी जिसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती उसे बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि किसान टपका सिंचाई व फव्वारा विधि से सिंचाई करें। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कृषि को टपका सिंचाई संयत्र लगाने के लिए 85 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।
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