सत्यखबर कैथल (ब्यूरो रिपोर्ट) – अगर आप बीमार है और और ज्यादा बीमार होना चाहते तो आपका कैथल के सरकारी हस्पताल में स्वागत है। बात कुछ अटपटी सी है यह किस तरह के स्वागत की बात हो रही है। कैथल के सरकारी अस्पताल में मरीजों की भीड़ है एक बेड पर दो मरीज है। शौचालय वास वेश सब गंदे हैं। पीने के पानी उपलब्ध नहीं है। अगर है तो वह पीने लायक नहीं है। अच्छी तरह से सफाई नहीं है ,ऊपर बोर्ड लिखा होता है नो स्मोकिंग और नीचे बीड़ी और सिगरेट की टोटके खुलेआम बिखरे होते हैं, एक बिस्तर पर 2 मरीजों को लेटाया जाता है।
आप किस तरह से उम्मीद कर सकते हैं कि मरीज ठीक होंगे। क्योंकि एक ठीक होगा तो दूसरा उसे फिर बीमार कर देगा। मरीजों का कहना है कि वार्ड में डॉक्टर उनको देखने नहीं आ पाते क्योंकि ओपीडी में ही हमेशा भीड़ रहती है। डॉक्टर भी क्या करें सरकार ने डॉक्टर उपलब्ध ही नहीं कराए जो डॉक्टर सिलेक्ट किए गए उन्होंने कैथल में ज्वाइन नहीं किया।
रकार बात कर रही थी कि मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे डॉक्टर बनाए जाएंगे। ऐसा भी कुछ नहीं हुआ आम आदमी स्वास्थ्य शिक्षा और रोजगार के नाम पर वोट देता है। परंतु चुनाव जीतने के बाद यह सब चीजें मात्र एक जुमला बन कर रह जाती है। इसका एक साक्षात् उदाहरण है कैथल का सरकारी हस्पताल है क्योंकि तस्वीरें झूठ नहीं बोलती।
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