अधिक मूल्य वसूलने पर ग्राहक मार्किट कमेटी में कर सकते है शिकायत : एसडीएम दलबीर सिंह
सत्य खबर, जींद, महाबीर मित्तल: कोरोना काल में लोगों की जेब पर अधिक बोझ न पड़े, इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा फल एवं सब्जियों के रेट आगामी कुछ दिनों के लिए निर्धारित कर दिए गए हैं। सभी फल एवं सब्जी विक्रेताओं को निर्देश दिए गए कि वे निर्धारित मूल्य से अधिक किम्मत पर फल एवं सब्जियों की बिक्री न करें। जींद के एसडीएम दलबीर सिंह ने बताया कि कुछ फल एवं सब्जी विक्रेता मनमाने मूल्य पर फल एवं सब्जियों की बिक्री कर रहे है, ऐसा में महामारी के दौरान लोगों को राहत देने के लिए प्रशासन द्वारा फल एवं सब्जी के रेट निर्धारित किए गए है। ग्राहकों को छूट प्रदान की गई है वे फल एवं सब्जियों की गुणवता के हिसाब के अनुसार मोल- भाव भी कर सकते हैं। उन्होंने फल एवं सब्जियां खरीदने वाले लोगों से कहा है कि वे खरीदारी के दौरान दो गज दूरी अवश्य बनाकर रखें और मास्क का प्रयोग भी अवश्य करें ताकि कोरोना संक्रमण न हो। उन्होंने फल एवं सब्जी विक्रेताओं को निर्देश दिए है कि वे निर्धारित मूल्य से अधिक किम्मत पर फल एवं सब्जियों की बिक्री न करें अन्यथा उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
यह भी पढ़ें:-
फल एवं सब्जियों के रेट निर्धारित : मार्किट कमेटी के सचिव संजीव जांगड़ा के अनुसार प्याज, करेला, आलू 2०-25 रुपए, टमाटर 8-1० रुपए, लोकी (घिया) 2०-3० रुपए, गोभी 3०-4० रुपए, लहसुन 8०-1०० रुपए, हरी मिर्च 4०-6० रुपए, कददू 15-25 रुपए, मटर 8०-12० रुपए, भिण्डी 15-2० रुपए, खीरा 15-2० रुपए, बैंगन 2० रुपए, अदरक 8०-1०० रुपए, सेब 25० रुपए , संतरा 7०-1०० रुपए, केला 3०-5० रुपए, पपीता 5०-6० रुपए,आम 5०-6०, मौसमी 8०-9० रुपए, तरबूज 1०-2० रुपए तथा खरबूजा 15-2० रुपए प्रति किलो के हिसाब से निर्धारित किए गए हैं। नारियल के लिए 6० रुपए किए निर्धारित, अब लिची मिलेगी 15० रुपए किलो : उन्होंने बताया कि कोविड महामारी के चलते नारियल, लिची, अंगुर समेत कई फलों की मांग लगातार बढ़ रही है। फल एवं सब्जी विक्रेता मन मर्जी से फल एवं सब्जियों के रेट न वसूल पाएं, इसके लिए चीकू प्रति किलो 6०-7० रुपए, अंगूर 12०-14० रुपए प्रति किलो, नारियल 6० रुपए, अनार 12०-14० रुपए, लिची 15० रुपए प्रति किलो तथा आलू बुखारा के लिए एक सौ रुपए प्रति किलो के रेट निर्धारित किए गए है।
Aluminium scrap anodizing Aluminum recycling imports Scrap metal trading