सत्य खबर,बापौली
गर्मी बढने के साथ ही शहर के हर कोने में गन्ने का रस बेचने वाले दिखाई देने लगे हैं। जूस की आड में विक्रेता शहरियों व ग्रामिणों को बिमारियां परोस रहे हैं। दरासल जूस विक्रेताओं द्वारा नियमों को ताक पर रखकर काम किया जा रहा है। जूस बेचने वाले अपने आस-पास सफाई की कोई व्यवस्था नहीं करते। जूस निकलने के बाद फोक को आसपास में ही फैंक देते हैं।
जिस पर अक्सर मक्खीयां भिनभिनाती रहती हैं। यही मक्खीयां रोग का कारण बनती रहती हैं। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से प्रति वर्ष गन्ना जूस रेहड़ी गाडीयों पर रोक लगाने के दावे किए जाते हैं। परन्तु बापौली क्षेत्र में ऐसा दिखाई नहीं दे रहा हैं। गर्मी बढऩे के साथ गले की प्यास बुझाने के लिए लोग इन विक्रेताओं से जूस पीते हैं शायद लोग इस बात से अनजान हैं की इससे वह बिमार हो सकते हैं। गले सडें काने गन्ने को भी कोल्हु में पेल दिया जाता हैं। इसके अतिरिक्त उसमें बर्फ की मात्रा भी अधिक डाल दी जाती हैं। जो की स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
प्रशासन भी किए हुए है आँखे बंद
उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष प्रशासनिक स्तर पर भी गन्ने के जूस विक्रेताओं एवं कटे हुए फ ल विक्रेताओं के खिलाफ कार्यवाही के लिए अभियान चलाया जाता है। परन्तु इस बार अभी तक जिला प्रशासन ने इस संदर्भ में कोई अभियान नहीं चलाया हैं। जबकि कोरोना महामारी के चलते सफाई व बाहरी वस्तुओं के उपयोग पर मनाही है। वहीं इस बारे में जब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क किया गया तो सम्पर्क नहीं हो पाया।
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