सत्यखबर
ट्यूवेल कनेक्शन के लिए समर्सिबल मोटर खरीदने में उपभोक्ताओं की छूट का मामला अब सिरे चढ़ते नहीं दिखाई दे रहा। सरकार ने अब जो नई हिदायतें दी हैं उनसे साफ लगता है कि अब ओसवाल ही किसानों को सबमर्सिबल पंप सप्लाई करेगी। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या हुआ कि सरकार ने फिर से अपना मन बदल लिया है। दरअसल कुछ नियम है जो सरकार के इस फैसले के आड़े आ गए हैं। जिसके बाद सरकार चाहकर भी किसानों को अपनी मर्जी का समर्सिबल खरीदने की छूट नहीं दे पा रही।
सरकार की नई शर्त से चित्त हुई सभी कम्पनियां, ओसवाल की ही खरीदनी पड़ेगी सबमर्सिबल मोटर
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दरअसल बिजली विभाग ने एक नया सर्कुलर जारी किया है जिसमें उन्होंने जिन सात कंपनियों को ओसवाल के अलावा समर्सिबल पंप बेचने के लिए मान्यता दी थी ।इस सर्कुलर के बाद यह सभी सात कंपनियां सकते में हैं। किस सर्कुलर में कहा गया है कि जिन सात कंपनियों को इसमें शामिल किया गया है वह कंपनियां ओसवाल द्वारा दी गई शर्तों के अनुसार अपने पंप सप्लाई कर सकती हैं। लेकिन ओसवाल जिन शर्तों पर किसानों को कम सप्लाई करने के लिए राजी हुई है वह सकते हैं इन कंपनियों को नागवार लग रही हैं।
ओसवाल ने जो रेट सरकार को दिए हैं उन दामो में कोई लोकल कंपनी भी काम करने के लिए तैयार नहीं है। फिर ओसवाल ने तो 3 स्टार पंप देने के लिए हामी भरी है। समर्सिबल पंप की कीमत ही नहीं ओसवाल ने जो वारंटी का समय दिया है वह भी किसी कंपनी के लिए देना पॉसिबल नहीं है। ओसवाल ने 5 साल की वारंटी दी है। इतना ही नहीं ओसवाल ने खुद समर्सिबल पंप लोरिंग करने का भी लिखित वायदा किया है। इन तीन शर्तों की वजह से कोई भी कंपनी ओसवाल का मुकाबला करने का है हिम्मत नहीं कर पा रही है।
इसके अलावा दूसरा बड़ा कारण सरकार द्वारा पहले ही जो टेंडर निकाला गया था उसमें होश वालों को लिखित ऑर्डर दिया गया है जिसे ओसवाल कंपनी ने हाई कोर्ट में चैलेंज भी कर दिया है। अब इस मामले में ओसवाल का क्या कहना है वह भी आपको बता देते हैं ओसवाल कहती है जब हम सबसे कम रेट में पंप किसानों को दे रहे हैं वारंटी भी सबसे ज्यादा दे रहे हैं तो ऐसे में किसानों को पंप खरीदने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। सभी पंप तीन स्टार मानव को पूरा करते हैं तो ऐसे में क्वालिटी भी कम नहीं हो सकती।
वहीं दूसरी तरफ दूसरी कंपनियां कहती हैं कि हमारी कंपनी का स्टैंडर्ड बड़ा है। मोटरों की क्वालिटी भी ज्यादा अच्छी है। ऐसे में किसान हमारी मोटर को ज्यादा कीमत पर खरीद रहे हैं। तो इसमें सरकार को क्या परेशानी हो सकती है। वहीं दूसरी तरफ सरकार के सूत्र बताते हैं कि ओसवाल के कम दाम की वजह से उसे किसानों को मोटर सप्लाई करने की अनुमति दी गई है। ऐसा ही एक अनुबंध पिछले साल ड्यूक कंपनी के साथ हुआ था। किसानों को कम कीमत पर अच्छी क्वालिटी के पंप मिले यही सरकार का उद्देश्य है।
3 दिन पहले सरकार द्वारा जारी सर्कुलर के बाद जिन कंपनियों को आस जगी थी कि वह भी किसानों को अपनी मोटर भेज पाएंगे उनको बड़ा धक्का लगा है। अब देखना यह होगा इस मामले में सरकार का अगला कदम क्या होता है।
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