सत्य खबर, पानीपत। पानीपत जिले के हार्मोनी होम्स और रियल हाइट्स के दो सगे भाई पार्टनरों ने अपने पार्टनर के साथ 45 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है। मामले में पीड़ित ने एसपी कार्यालय पहुंच न्याय की गुहार लगाई। इस पर SP ने तुरंत जांच कर मुकदमा दर्ज करने के सदर थाना को आदेश दिए। SP के आदेशों पर सदर थाना पुलिस ने दोनों सगे भाइयों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है। दोनों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयास कर रही है।
एसपी से लगाई पीड़ित ने गुहार
SP को दी शिकायत में अतर चंद ने बताया कि वह बाबरपुर मंडी का रहने वाले हैं। वह मेसर्स रियल हाइट डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का डायरेक्टर है। उनकी कंपनी में संजय गुप्ता व राजेश गुप्ता निवासी एल्डिको पानीपत भी शेयर होल्डर एवं पार्टनर हैं। दोनों सगे भाई है। उन्होंने बताया कि उनके, उनकी फर्म व अन्य परिवार के सदस्यों के नाम 10.58 एकड़ जमीन सेक्टर 40 गांव शिमला मौलाना जिला पानीपत में थी। जिस पर वह एक नई कंपनी के द्वारा अफॉर्डेबल ग्रुप हाउसिंग कॉलोनी का विकास करना चाहते थे। इस प्रोजेक्ट संजय गुप्ता व राजेश गुप्ता ने रुचि दिखाई और अपने 25% हिस्से के 8 करोड़ निवेश करने के लिए सहमत हुए।
इसके बाद अफॉर्डेबल ग्रुप हाउसिंग कॉलोनी का विकास करने के लिए उपयोग कुल जमीन को और अपनी रियल हाइट से डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से पंजीकृत करा दिया। अगस्त 2017 में दोनों आरोपियों ने अपने हिस्से की निवेश राशि 8 करोड का भुगतान करने की एवज में अपनी निजी फर्म महालक्ष्मी प्रॉपर्टीज के खाते से पोस्ट डेटेड जारी किए। 2018 में उपरोक्त कंपनी में अत्तर चंद के हिस्से की संपत्ति, शेयर होल्डिंग व कंपनी का समस्त व्यापार खरीदने के लिए ऑफर किया। फरवरी 2018 में आरोपियों ने एक एग्रीमेंट लिखा जिसमें अत्तर चन्द और अपनी अन्य भूमि से प्रोजेक्ट साइट पर निर्माण की सामग्री लाने व ले जाने के लिए रास्ता प्रयोग करने के बारे में था। उपरोक्त आरोपियों ने पांच छमई किस्तों में अतिरिक्त 60 करोड़ का भुगतान अग्रिम चेक करने बाबत जारी किया।
इसके बाद अफॉर्डेबल ग्रुप हाउसिंग कॉलोनी का विकास करने के लिए उपयोग जमीन को और अपनी रियल हाइट से डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से पंजीकृत करा दिया। अगस्त 2017 में दोनों आरोपियों ने अपने हिस्से की निवेश राशि 8 करोड़ का भुगतान करने की एवज में अपनी निजी फर्म महालक्ष्मी प्रॉपर्टीज के खाते से पोस्ट डेटेड जारी किए। 2018 में उपरोक्त कंपनी में अतर चंद के हिस्से की संपत्ति, शेयर होल्डिंग व कंपनी का समस्त व्यापार खरीदने के लिए ऑफर किया।
फरवरी 2018 में आरोपियों ने एक एग्रीमेंट लिखा, जिसमें अतर चंद और अपनी अन्य भूमि से प्रोजेक्ट साइट पर निर्माण की सामग्री लाने व ले जाने के लिए रास्ता प्रयोग करने के बारे में लिखा था। उपरोक्त आरोपियों ने पांच-छह किस्तों में अतिरिक्त 60 करोड़ का भुगतान अग्रिम चेक करने बाबत जारी किया।
आरोपियों ने अपनी पहली किस्त समय पर दे दी। अगली किस्त वे समय पर नहीं चुका सके। जिस पर एग्रीमेंट के अनुसार ब्याज लग कर कुल राशि 9 करोड़ 73 लाख 20 हजार हो गई। इस राशि के चेक बैंक में लगाए गए तो वह बाउंस हो गए। बाउंसिंग चेक का मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
इसके बाद से आरोपियों ने कोई भी किस्त का भुगतान नहीं किया। पुलिस जांच के दौरान सामने आया कि एग्रीमेंट के हिसाब से आरोपियों ने लगभग 45 करोड़ रुपए की अतर चंद से धोखाधड़ी की है। पुलिस ने दोनों आरोपी भाइयों संजय गुप्ता व राजेश गुप्ता के खिलाफ आईपीसी की धारा 406, 420 के तहत मुकदमा दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
Aluminium recycling process efficiency Aluminium recycling equipment maintenance Industrial scrap metal management